Sharad Purnima 2024: हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन साधक विशेष कार्यों में सफलता प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के लिए व्रत रखते हैं और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन किए जाने वाले व्रत और पूजा से जातक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।
जिससे उसके जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है, ऐसी मानता है कि इस पर्व पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करने से साधक और उनके परिवार पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। जिससे सभी कष्ट दूर होते हैं। शरद पूर्णिमा के अवसर पर खीर का विशेष महत्व है जिसे चांद की रोशनी में रखा जाता है जिससे उसका आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है।
शरद पूर्णिमा 2024 कब हैं ? (Sharad Purnima 2024)
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर 2024 को रात्रि 8:40 से शुरू होगी और इसका समापन 17 अक्टूबर को शाम 4:55 पर होगा। इस प्रकार शरद पूर्णिमा का त्योहार 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रोदय शाम 5:05 पर होगा जो इस पर्व की विशेषता को और बढ़ा देता है।
भक्त इस समय चंद्रमा को देखकर उसकी रोशनी में खीर का भोग अर्पित करते हैं। जिससे उनका जीवन खुशियों और समृद्धि से भरा हो सके। शरद पूर्णिमा का यह पवित्र अवसर साधना और भक्ति का पर्व है जो सभी के जीवन में सुख समृद्धि और खुशियों का संचार करता है।
शरद पूर्णिमा का महत्त्व
शरद पूर्णिमा का पर्व सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है और इसे कोजागिरी पूर्णिमा या कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन की विशेष मानता है कि धान की देवी मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी, जिससे इस पर्व का आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा और व्रत करने से भक्तों को सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा धन और वैभव की भी प्राप्ति होती है। इस दिन भक्त विशेष रूप से चंद्रमा की रोशनी में खीर का भोग अर्पित करते हैं क्योंकि माना जाता है कि इससे उनकी इच्छाएं पूरी होती है। इस पर्व के माध्यम से श्रद्धालु भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य बनाते हैं।