Insomnia: 6 घंटे से कम सोना होता है बेहद डेंजर, हो सकता है मेमोरी लॉस, जानें इससे होने वाले नुकसान

Insomnia: 6 घंटे से कम सोना आपके स्वास्थ्य के लिए कई खतरों को जन्म दे सकता है। पर्याप्त नींद लेना आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यदि आपको नींद की समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लें।

Bhawna Choubey
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Insomnia: नींद हर इंसान के लिए बहुत जरूरी होती है। शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए 7 से 8 घंटे की नींद बहुत जरूरी होती है। कुछ लोगों को आराम से नींद आ जाती है और कुछ लोगों को नींद की काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, कई लोग कम नींद की समस्या से जूझ रहे हैं। काम का बोझ, तनाव, और देर रात तक काम करना, इन सबके कारण लोगों को पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि 6 घंटे से कम सोना आपके स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक हो सकता है? यदि आप भी 5 घंटे से कम सोते हैं तो आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि सिर्फ 5 घंटे की नींद शरीर के लिए कितनी ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकती है, तो चलिए जान लेते हैं कि कम नींद लेने से शरीर को क्या-क्या नुकसान पहुंचाते हैं।

6 घंटे से कम सोने के क्या-क्या नुकसान होते हैं

याददाश्त हो सकती है कमजोर

5 घंटे से कम नींद लेने से हमारे दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है, खासकर याददाश्त पर। जब हम सोते हैं, तो हमारा मस्तिष्क दिन भर में सीखी गई जानकारी को प्रोसेस्ड और स्टोर करता है। इस प्रक्रिया को “यादों का समेकन” कहा जाता है। नींद के दौरान, हमारे मस्तिष्क में धीमी तरंगें होती हैं, जो यादों को मजबूत बनाने में मदद करती हैं। पर्याप्त नींद न लेने से मस्तिष्क में नई यादों के लिए जगह बनने में बाधा आ सकती है। कम नींद से तत्काल जानकारी को याद रखने और कार्यों को पूरा करने में कठिनाई हो सकती है। गंभीर नींद की कमी से नई यादों को याद रखने में भी मुश्किल हो सकती है। कम नींद से एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है, जिससे जानकारी को याद रखना और सीखना मुश्किल हो जाता है।

चिड़चिड़ापन होता है

नींद की कमी और मूड स्विंग का गहरा संबंध है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो हमारा मस्तिष्क थक जाता है और ठीक से काम नहीं कर पाता है। इससे मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, उदासी, और चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नींद के दौरान, मस्तिष्क सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे मूड को बेहतर बनाने वाले रसायनों का उत्पादन करता है। नींद की कमी से इन रसायनों का स्तर कम हो जाता है, जिससे मूड खराब हो सकता है। नींद की कमी से कोर्टिसोल नामक तनाव हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह हार्मोन चिड़चिड़ापन, क्रोध, और चिंता को बढ़ा सकता है। नींद की कमी से भावनाओं को नियंत्रित करने में कठिनाई हो सकती है, जिससे मूड स्विंग और अत्यधिक प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।

इम्युनिटी होती है कमजोर

कम नींद और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के बीच सीधा संबंध है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो हमारा शरीर आराम नहीं कर पाता है और खुद को बीमारियों से बचाने के लिए लड़ने में सक्षम नहीं होता है। व्हाइट ब्लड सेल्स शरीर के संक्रमण से लड़ने वाले सैनिकों की तरह काम करती हैं। नींद की कमी से व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या और कार्यक्षमता कम हो जाती है। एंटीबॉडी विशिष्ट रोगाणुओं से लड़ने वाले प्रोटीन होते हैं। नींद की कमी से एंटीबॉडी के उत्पादन में कमी आती है, जिससे संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है।

मोटापा बढ़ता है

नींद की कमी और मोटापे के बीच एक मजबूत संबंध है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो हमारे शरीर में कुछ हार्मोन का स्तर बदल जाता है, जो वजन बढ़ने में योगदान देता है। ग्रेलिन एक भूख बढ़ाने वाला हार्मोन है, जबकि लेप्टिन एक तृप्ति हार्मोन है। नींद की कमी से ग्रेलिन का स्तर बढ़ जाता है और लेप्टिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे आपको अधिक भूख लगती है और आप कम संतुष्ट महसूस करते हैं। नींद की कमी से शरीर का मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है, जिसका अर्थ है कि आप कम कैलोरी बर्न करते हैं। नींद की कमी से कोर्टिसोल नामक तनाव हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। कोर्टिसोल फैट को बढ़ावा देता है, खासकर पेट के आसपास।

कितनी नींद है आवश्यक

एडल्ट के लिए 7-8 घंटे की नींद हर रात आवश्यक है। बच्चों और टीन को 9-11 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक सामान्य दिशानिर्देश है। कुछ लोगों को 6 घंटे की नींद से पर्याप्त आराम मिल सकता है, जबकि अन्य को 9 घंटे या उससे अधिक की नींद की आवश्यकता हो सकती है।

अच्छी नींद के लिए सुझाव

1. हर रात एक ही समय पर सोने और जागने की कोशिश करें।
2. सोने से पहले कैफीन और शराब से बचें।
3. सोने से पहले आरामदायक गतिविधियों में शामिल हों, जैसे कि गर्म पानी से स्नान करना या किताब पढ़ना।
4. अपने बेडरूम को अंधेरा, शांत और ठंडा रखें।
5. नियमित रूप से व्यायाम करें, लेकिन सोने से पहले नहीं।
6. यदि आपको 20 मिनट के बाद नींद नहीं आती है, तो बिस्तर से उठकर कुछ आरामदायक गतिविधि करें जब तक आपको थकान महसूस न हो।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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