यह भी गुजर जाएगा – नागेश्वर सोनकेसरी

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ब्लॉग, नागेश्वर सोनकेसरी। एक बार बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा कि मुझे कोई ऐसा वाक्य बताऐं जिसे मैं अपनी अंगूठी में लिखवा सकूँ, तथा जब दुख आए तो उसे देखकर मुझे शांति मिले और जब सुख आए तो भी उसे देखकर मैं शांत रहूँ। बीरबल ने कहा- जहाँपनाह बस ये लिखवा लीजिएगा “यह भी गुजर जाएगा “ चाहे जीवन में दुख आ जाए तो इसे देखकर धैर्य रखना कि यह वक्त भी गुजर जाएगा, और जीवन में कोई बड़ी जीत मिल जाए या बड़ा काम हो जाए, तो गर्व नहीं करते हुए बस ये याद रखिएगा कि ये भी गुजर जाएगा।

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आप सभी जानते हैं कि समय बहुत शक्तिशाली है, जिन्होंने इसकी मार सही है, वे बेहतर तरीक़े से जीवन जीना सीख जातें हैं। समय बहुत कुछ सिखा जाता है।याद करिए कि आपको अधिकतम ज्ञान या सीख बुरे दौर में ही मिली होगी। उस समय में आपने कई किताबों को पढ़ने जितना ज्ञान, किसी ठोकर को खाने के बाद प्राप्त कर लिया होगा। वह जो बुरे दौर की समझ होती है वह स्थायी तथा कभी न भूलने वाली होती है।

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हॉं कई बार हमें उसकी कीमत बहुत चुकानी पड़ जाती है। बुरे वक्त में आपको हर तरह के ज्ञान के साथ-साथ रिश्तों की भी बढ़िया सी पहचान हो जाती है। इस दौर में धैर्य आपका सच्चा साथी होता है। बस थोड़ा धैर्य बहुत सारी परेशानियों से बचा लेता है और समय ठीक होने के बाद सब कुछ पहले से और अधिक बेहतर हो जाता है।

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अब रही बात अच्छे समय की। अच्छे समय में खूब मेहनत करनी चाहिए। जिससे परिणाम में दुगना फायदा होता है। याद रखिए कि धन कमाने के साथ-साथ परोपकार करना भी आवश्यक है। धन संचय के अलावा भविष्य के लिए योजनाबद्ध तरीके से निवेश, नजदीकी रिश्तों का पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन, तथा अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य का इसलिए भी कि अच्छे समय में या किसी भी बड़ी सफलता के बाद अहंकार आ जाता है। इस अच्छे वक़्त में अहंकार से बचते हुए विनम्रता रखनी आवश्यक है। तभी हमारा जीवन मानवीयता व करूणा से भरा होगा, व हम जीवन को सार्थक भी बना पाईंगे।

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इसलिए बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि बहुत सुख हो तो उसे देखकर उछलो मत , और बहुत दुख हो तो रोओ मत,जरा इंतज़ार करो , क्योंकि यह भी गुजर जाएगा।


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Ram Govind Kabiriya

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