99% लोग भीड़ में चलते हैं, 1% बनते हैं लीडर… Jaya Kishori ने बताई वजह

Jaya Kishori Quotes: कई बार हम सोचते हैं कि भीड़ का हिस्सा बनना ही सही है, क्योंकि वही सबसे आसान रास्ता लगता है। लेकिन सच्चाई ये है कि जो लोग भीड़ से अलग अपनी पहचान बनाते हैं, वही असली लीडर कहलाते हैं। जया किशोरी जी भी कुछ ऐसा ही कहती हैं।

जया किशोरी जो की एक प्रसिद्ध भक्ति वक्ता और मोटिवेशनल स्पीकर है वह हमेशा अपनी प्रेरणादायक विचारों के लिए लोगों की बीच बहुत लोकप्रिय रहती है। उनकी बातें न सिर्फ़ भक्ति के विषय में होती है बल्कि जीवन के हर पहलू पर उनके अपने अलग और सटीक विचार होते हैं। हाल ही में उनका एक कोट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि जो लोग दूसरों की नक़ल करते हैं वे कभी भी रचनात्मकता की मिठास नहीं चख सकते। यह बात विशेष रूप से युवाओं और उन लोगों के लिए एक बड़ा संदेश है जो अपनी क्रिएटिविटी और सोच को नया रूप देना चाहते हैं।

जया किशोरी का यह कथन हमें यह सिखाता है कि ज़िंदगी में आगे बढ़ने खुदकी पहचान और सोच का होना बेहद ज़रूरी है। जब हम सिर्फ़ दूसरों की नक़ल करते हैं, तो हम अपनी असलियत और खासियत खो देते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में जया किशोरी ने और क्या क्या कहा।

जया किशोरी के अनुसार असली पहचान कैसे बनानी चाहिए?

कई बार लोगों को यह ग़लतफ़हमी रहती है कि किसी और की तरह बन जाना ही सफलता की चाबी है। लेकिन जया किशोरी के इस कोट से यह साफ़ है कि नक़ल से सिर्फ़ दिखावा हासिल होता है, असली पहचान कभी नहीं मिलती। अगर आप सच में सफल होना चाहते हैं तो आपको अपनी सोच, मेहनत और अपने आइडिया पर विश्वास करना होगा।

अपनी पहचान कैसे बनाए रखें?

आजकल सोशल मीडिया और इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव के कारण कई लोग दूसरों की नक़ल करने लग जाते हैं, दूसरों की तरह रहना, दूसरों की तरह कपड़े पहनना, दूसरों की तरह घूमना, और दूसरों की तरह ही काम करना। लेकिन जो है किशोरी कहती है कि दूसरों की नक़ल करने से हम अपनी असली पहचान को छिपा देते हैं, दुनिया का हर एक इंसान अलग होता है और हर एक इंसान की अपनी अलग खासियत होती है, अगर हम हर समय दूसरों की नक़ल करने में लगे रहेंगे तो हम अपनी खासियतों पर कभी ध्यान नहीं दे पाएंगे।

नई सोच से कैसे समाज में बदलाव लाते हैं?

हमें यह समझना होगा कि हमारी सोच और हमारी रचनात्मकता ही सबसे ज़्यादा क़ीमती है। जुड़े लोग नई सोच के साथ कुछ अलग करने की सोचते हैं वही समाज में बदलाव लाते हैं और अपनी अलग पहचान बनाने में क़ामयाब होते हैं। इसलिए अगर हम अपने आइडिया और विचारों पर विश्वास करें और उन्हें आगे बढ़ाएं तो हम अपने जीवन में सचमुच सफलता पा सकते हैं।

 


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Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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