Neck Yoga: कूबड़ और खराब पॉश्चर बिगाड़ रहा है पर्सनैलिटी? ये 4 योगासन दिलाएंगे निजात

Neck Yoga: जब हम ठीक तरीके से नहीं बैठते हैं तो हमारा बैठने, खड़े रहने, साथ ही साथ चलने का पोश्चर खराब हो जाता है। खराब पोश्चर के कारण न सिर्फ पर्सनालिटी खराब होती है बल्कि गर्दन और कमर में भी दर्द होने लगता है।

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Neck Yoga: आजकल की व्यस्त जिंदगी में हम अक्सर गलत तरीके से बैठते हैं और खड़े होते हैं, जिसके कारण हमारा पॉश्चर बिगड़ जाता है और पीठ में दर्द, कंधों में दर्द और गर्दन में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गलत पॉश्चर के कारण रीढ़ की हड्डी भी टेढ़ी हो सकती है, जिससे कूबड़ निकल आता है। इन समस्याओं से बचने के लिए और अपने पॉश्चर को बेहतर बनाने के लिए आप योग का अभ्यास कर सकते हैं। लगातार झुककर बैठने, खराब पोज में बैठने, कमजोर पीठ की मांसपेशियों, या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं के कारण गर्दन पर कूबड़ निकल सकता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए योग सबसे अच्छा और फायदेमंद तरीका है। बलासन, मार्जरीआसन-बितिलासन, भुजंगासन, सेतुबंधासन और अर्ध मत्स्येंद्रासन जैसे योगासन गर्दन और कंधों के तनाव को कम करने, रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने, पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने और रीढ़ की हड्डी को खींचने में मदद करते हैं।

इन योगासन से सुधारें पोस्चर

1. बलासन (बच्चे का पोज़)

1. इस आसन को करने के लिए, पहले घुटनों के बल बैठ जाएं।
2. फिर, अपने पैरों को मिलाकर आगे की ओर झुकें और अपना पेट अपनी जांघों पर टिका लें।
3. अपने हाथों को अपने सिर के सामने या अपने शरीर के बगल में रखें।
4. इस पोजीशन में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रुकें।

2. मार्जरीआसन-बितिलासन (बिल्ली-गाय का पोज़)

1. इस आसन को करने के लिए, पहले चारों हाथों और घुटनों के बल आ जाएं।
2. अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और अपने सिर को तटस्थ स्थिति में रखें।
3. सांस छोड़ते हुए, अपनी पीठ को ऊपर उठाएं और अपने सिर को नीचे करें, ताकि आपकी रीढ़ की हड्डी एक उल्टे U के आकार में हो।
4. सांस लेते हुए, अपनी रीढ़ की हड्डी को नीचे करें और अपने सिर को ऊपर उठाएं, ताकि आपकी रीढ़ की हड्डी एक U के आकार में हो।
5. इस क्रिया को 10-15 बार दोहराएं।

3. भुजंगासन (कोबरा पोज़)

1. इस आसन को करने के लिए, पहले पेट के बल लेट जाएं।
2. अपने माथे को जमीन पर रखें और अपने पैरों को सीधा रखें।
3. अपने हाथों को अपनी छाती के नीचे रखें, अपनी कोहनियों को मोड़ें।
4. सांस लेते हुए, अपनी छाती और पेट को ऊपर उठाएं, जितना आप आराम से कर सकें।
5. अपने कूल्हों और पैरों को जमीन पर रखें।
6. इस पोजीशन में 15-30 सेकंड तक रुकें।
7. धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस नीचे आ जाएं।

4. सेतुबंधासन (सेतुबंध)

1. इस आसन को करने के लिए, पहले अपनी पीठ के बल लेट जाएं।
2. अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को फर्श पर सपाट रखें।
3. अपने हाथों को अपने शरीर के बगल में रखें।
4. सांस लेते हुए, अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं, ताकि आपका शरीर एक उल्टे V के आकार में हो।
5. अपने घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर रखें।
6. इस पोजीशन में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रुकें।
7. धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस नीचे आ जाएं।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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भावना चौबे

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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