Parenting Tips: क्या आपका बच्चा खाने में देर करता है? ये 3 कारण हो सकते हैं जिम्मेदार

Parenting Tips: कई माता-पिता को यह चिंता रहती है कि उनका बच्चा धीरे-धीरे खाता है और खाने में घंटों लगा देता है। यह चिंता और भी बढ़ जाती है जब आसपास के बच्चे चटपट खाकर खेलने या पढ़ने में लग जाते हैं। लेकिन घबराइए नहीं, धीरे-धीरे खाना कई बच्चों की आदत होती है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।

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Parenting Tips: हर माता-पिता की यह सामान्य चिंता होती है कि उनका बच्चा धीरे-धीरे खाता है, खासकर जब वे देखते हैं कि आसपास के बच्चे जल्दी-जल्दी अपना भोजन समाप्त कर लेते हैं। यह समस्या कई बार माता-पिता के लिए और भी बड़ी हो जाती है जब बच्चे स्कूल या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर खाना खाने में देरी करते हैं। हालांकि, घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि धीमे खाने के कई कारण हो सकते हैं। हो सकता है कि बच्चे का पाचन तंत्र धीरे-धीरे काम कर रहा हो, या फिर उसे खाने का अनुभव और स्वाद महसूस करने में अधिक समय लगता हो। इसके अलावा, बच्चों का ध्यान भोजन के दौरान खेल या बातचीत में भी भटक सकता है। माता-पिता को चाहिए कि वे इन कारणों को समझें और अपने बच्चों को धैर्यपूर्वक स्वस्थ भोजन करने के लिए प्रोत्साहित करें। सही मार्गदर्शन और समर्थन के साथ, बच्चे न केवल सही तरीके से खाना सीख सकते हैं, बल्कि भोजन का पूरा आनंद भी ले सकते हैं।

ये 3 कारण हो सकते हैं जिम्मेदार

न बिगाड़ें आदत

कई माता-पिता अपने बच्चों को प्यार और दुलार के चलते भोजन के समय भी चॉकलेट, आइसक्रीम जैसी चीजें दे देते हैं। बच्चों की भूख ज्यादा नहीं होती और एक चॉकलेट में इतनी कैलोरी होती है कि उनकी भूख कुछ समय के लिए मिट जाती है। नतीजतन, बच्चा मुख्य भोजन करने से कतराता है। इसलिए, यह जरूरी है कि खाने के समय पर बच्चों को सिर्फ स्वस्थ और पौष्टिक भोजन के लिए ही प्रोत्साहित किया जाए। अन्य चीजें खाने से उनकी भूख खत्म हो जाती है और उनका ध्यान भोजन से भटक जाता है। बच्चों को प्रारंभ से ही सही समय पर उचित भोजन देने की आदत डालने से उनकी खाने की आदतें सुधार सकती हैं और उनका स्वास्थ्य भी बेहतर हो सकता है।

बच्चों की भूख को समझें

यह ज़रूरी है कि बच्चों को नियमित समय पर खाना खिलाया जाए, लेकिन यह भी समझना ज़रूरी है कि उनकी भूख हमेशा घड़ी के हिसाब से नहीं लगती। अगर बच्चे ने खाने के समय से पहले कुछ खा लिया है, तो उसकी भूख कम हो सकती है। ऐसे में उसे ज़बरदस्ती पूरा खाना खत्म करने के लिए न कहें। थोड़ी देर बाद अगर बच्चा खाना खत्म नहीं कर पाता है, तो खाना हटा दें। यह भी महत्वपूर्ण है कि आप इस बात पर ध्यान दें कि बच्चे को कब और कितनी भूख लगती है। कभी-कभी, वे समय से पहले भी भूख महसूस कर सकते हैं। ऐसे में, जब आपको लगे कि बच्चा भूखा है, तो उसे तुरंत खाना खिलाएं। बच्चों को दिन में तीन बार (नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना) और दो बार स्नैक्स खिलाएं। बच्चों को पौष्टिक और संतुलित भोजन खिलाएं जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और दुग्ध उत्पाद शामिल हों।

खाने को बनाएं अट्रैक्टिव

बच्चों के लिए खाने का समय अक्सर एक चुनौतीपूर्ण समय होता है। उन्हें अक्सर स्वस्थ भोजन खाने में कोई दिलचस्पी नहीं होती है। लेकिन, कुछ रचनात्मक तरीकों से आप खाने के समय को उनके लिए रोचक और मजेदार बना सकते हैं। बच्चों को बताएं कि वे जो खा रहे हैं वह उनकी सेहत के लिए कितना अच्छा है। उन्हें बताएं कि कैसे यह भोजन उन्हें मजबूत, ऊर्जावान और स्वस्थ बनाता है। अगर उनका कोई पसंदीदा सुपरहीरो है, तो उसके उदाहरण का उपयोग करें। उन्हें बताएं कि कैसे उनका सुपरहीरो भी ताकतवर बनने के लिए पौष्टिक भोजन खाता है। खाने को रंगीन और आकर्षक बनाने के लिए सलाद, फलों और सब्जियों का इस्तेमाल करें। आप विभिन्न आकृतियों में भोजन काटकर भी उन्हें आकर्षित कर सकते हैं।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)

 

 

 

 

 

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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