बड़े होने के बाद भी बच्चे नहीं कर रहे खुद का काम? इन आसान तरीकों से बनाएं उन्हें इंडिपेंडेंट

Parenting Tips: बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना हर माता-पिता का सपना होता है, लेकिन अक्सर बड़े होने के बाद भी बच्चे अपने छोटे-छोटे कामों के लिए माता-पिता पर निर्भर रहते हैं। यह आदत उन्हें धीरे-धीरे कमज़ोर बना सकती है, और वे जिम्मेदारियों से भाग सकते हैं।

भावना चौबे
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Parenting Tips: हर माता-पिता की यही इच्छा होती है कि उनका बच्चा संस्कारी, आत्मनिर्भर और जिम्मेदार बने, ताकि वह अपने काम खुद कर सके और जीवन में हर चीज में सफल हो सके। लेकिन अक्सर देखा गया है, की बचपन से ही बच्चे अपने छोटे-मोटे काम भी माता-पिता से करवाते हैं और यह आदत उनके बड़े होने पर भी बनी रहती है।

दरअसल, माता पिता को लगता है कि बच्चा अभी छोटा है, इसलिए उसे यह काम नहीं करवाना चाहिए। जिस वजह से बच्चे को हर काम माता-पिता से करवाने की आदत सी बन जाती है। माता-पिता के बिना कहे बच्चे अपना काम खुद करें, यह आदत उन्हें बचपन से ही सिखाई जानी चाहिए। यदि बच्चे छोटी उम्र से ही अपने काम खुद करना सीखें तो वह न केवल आत्मनिर्भर बनते हैं, बल्कि उनके अंदर जिम्मेदारी का भाव भी विकसित होता है।

बच्चों को कैसे बनाएं आत्मनिर्भर (Parenting Tips)

अक्सर माता-पिता इस बात से परेशान रहते हैं कि उनके बच्चे खुद से छोटे-मोटे काम भी नहीं कर पाते हैं और हर चीज के लिए उन पर निर्भर रहते हैं। इसमें कहीं ना कहीं गलती माता-पिता की ही होती है। अगर आप अपने बच्चों को आत्मनिर्भर और जिम्मेदार बनाना चाहते हैं, तो आपके लिए कुछ खास टिप्स है जो उनकी इस आदत को बदल सकते हैं। इन आसान और प्रभावी तरीकों की मदद से आप अपने बच्चों को धीरे-धीरे खुद से काम करना सिखा सकते हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बने और जीवन में हर चीज को जिम्मेदारी से निभाना सीखें।

छोटी-छोटी जिम्मेदारियां सौंपे

बच्चों में आत्मनिर्भरता का गुण विकसित करने के लिए जरूरी है कि उन्हें छोटी उम्र से ही छोटी-छोटी जिम्मेदारियां सौंपी जाए। इससे न केवल उनमें जिम्मेदारी का भाव आता है बल्कि वह काम को खुद करने की आदत भी सिखते हैं। अगर बचपन से ही बच्चों को कुछ छोटे काम सौंपे जाए, तो वह न केवल अपनी देखभाल करना सिखते हैं। बल्कि बड़े होकर भी अपने काम में इंटरेस्ट लेते हैं और आत्मविश्वास के साथ अपना काम करते हैं।

बच्चों को फैसले लेने की आजादी दें

बच्चों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने के लिए जरूरी है कि वह अपने फैसले खुद लें और अपने काम खुद से करें। जैसे कि अपनी किताबें व्यवस्थित करना, बैग तैयार करना, खुद से कपड़े पहनना और खुद को तैयार करना। जब बच्चे इन छोटे-छोटे कामों में खुद निर्णय लेने लगते हैं, तो वह मानसिक रूप से भी मजबूत बनते हैं और उनमें आत्मनिर्भरता का विकास होता है।

अच्छे काम करने पर तारीफ करें

बच्चों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने के लिए उनका प्रोत्साहन करना बेहद जरूरी है। जब बच्चा कोई अच्छा काम करता है तो उसकी तारीफ करें और उसे प्रोत्साहित करें। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और वह आगे भी अच्छे काम करने की कोशिश करेगा। बच्चों को ऐसा लगेगा कि जब अच्छा काम किया जाता है तो बड़े लोगों से तारीफ मिलती है।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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