Parenting Tips: माता-पिता की कौन सी गलतियां बच्चों में डालती हैं बुरी आदतें, जानें

Parenting Tips: माता-पिता को यह समझना चाहिए कि बच्चों का पालन-पोषण एक महत्वपूर्ण कार्य है। बच्चों में अच्छे संस्कार और आदतें विकसित करने के लिए माता-पिता को अपनी गलतियों को सुधारना होगा और बच्चों के साथ सकारात्मक संबंध बनाना होगा। बच्चों को प्यार, सम्मान और ज़िम्मेदारी देकर माता-पिता उन्हें अच्छे इंसान बना सकते हैं।

भावना चौबे
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Parenting Tips: बच्चों का पालन-पोषण करना एक कला है, जिसमें माता-पिता को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस कला में सफल होने के लिए माता-पिता को अनेक सावधानियां बरतनी होती हैं। हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देना चाहते हैं और उनकी अच्छी परवरिश करना चाहते हैं। बच्चों पर माता-पिता के हर कर्तव्य का प्रभाव पड़ता है, बच्चों को अच्छा बुरा सीखने का भी हाथ माता-पिता का होता है।लेकिन कई बार, अनजाने में माता-पिता कुछ गलतियां करते हैं, जिनका नकारात्मक प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। इन गलतियों के कारण बच्चों में बुरी आदतें विकसित हो सकती हैं, जो उनके भविष्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इसी के साथ आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि ऐसी कौन-कौन सी गलतियां हैं जो जाने अनजाने में माता-पिता कर देते हैं।

माता-पिता की कौन सी आदतें बच्चों को बिगाड़ती हैं

1. बच्चों को ज़्यादा लाड़-प्यार देना

कुछ माता-पिता अपने बच्चों को ज़्यादा लाड़-प्यार देते हैं, जिसके कारण बच्चों में स्वार्थ, आलस्य और अहंकार जैसी बुरी आदतें विकसित हो सकती हैं। लाड़-प्यार में पले-बढ़े बच्चे जिम्मेदारी नहीं लेते और दूसरों पर निर्भर रहते हैं। बच्चों को लाड़ प्यार करना बुरा नहीं है लेकिन हद से ज्यादा लाड़ प्यार करना बुरा होता है। ऐसे में बच्चों की आदतें बिगड़ जाती है।

2. बच्चों पर ज़्यादा दबाव डालना

कुछ माता-पिता अपने बच्चों पर ज़्यादा दबाव डालते हैं, जिसके कारण बच्चों में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ज़्यादा दबाव के कारण बच्चे अपनी क्षमताओं पर विश्वास नहीं करते और आत्मविश्वास की कमी से जूझते हैं। उदाहरण के लिए हम समझते हैं कि जैसे अक्सर माता-पिता अपने बच्चों पर अच्छे मार्क्स लाने का दबाव डालते हैं, माता-पिता को यह बात समझनी चाहिए कि हर बच्चा अलग होता है इसलिए बच्चों के कभी काम तो कभी ज्यादा मार्क्स आ सकते हैं। उन्हें हर बार अच्छे मार्क्स लाने के लिए दबाव न डालें ऐसे में बच्चों को तनाव हो सकता है।

3. बच्चों के साथ झगड़ा करना

कुछ माता-पिता अक्सर बच्चों के साथ झगड़ा करते हैं, जिसके कारण बच्चों में आक्रामकता, झूठ बोलने और चिड़चिड़ापन जैसी बुरी आदतें विकसित हो सकती हैं। बच्चों के साथ झगड़ा करने से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हर छोटी-छोटी बातों पर अपने बच्चों से झगड़ा ना करें उनकी भी बातों को समझने की कोशिश करें।

4. बच्चों के सामने झूठ बोलना

अक्सर माता-पिता अपने बच्चों के सामने झूठ बोलते हैं। माता-पिता के झूठ बोलने की आदत पर बच्चों का ध्यान बहुत जल्दी चला जाता है। बच्चे भी फिर इस आदत को अपनाने लगते हैं, और उन्हें भी हर बात में झूठ बोलने की आदत हो जाती है। इन आदतों का बच्चों के व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और वे समाज में गलत उदाहरण पेश करते हैं। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे में झूठ बोलने की आदत ना रहे तो सबसे पहले आपको भी झूठ बोलना बंद करना होगा।

5. बच्चों को ज़्यादा समय अकेला छोड़ना

कुछ माता-पिता अपने काम में व्यस्त रहने के कारण बच्चों को ज़्यादा समय अकेला छोड़ देते हैं। इस कारण बच्चों में अकेलापन, डर और चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बच्चों को अकेला छोड़ने से उनमें नकारात्मक विचारों का विकास होता है।

बच्चों में बुरी आदतों को रोकने के लिए माता-पिता क्या कर सकते हैं

बच्चों को प्यार और सम्मान दें। बच्चों को ज़िम्मेदारी दें और उनका आत्मविश्वास बढ़ाएं। बच्चों के साथ सकारात्मक बातचीत करें और उन्हें अच्छे संस्कार सिखाएं। बच्चों के लिए समय निकालें और उनके साथ खेलें। बच्चों को गलत आदतों से दूर रखें और उन्हें अच्छे कामों के लिए प्रेरित करें।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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