बच्चों की अच्छी परवरिश करना हर माता-पिता का कर्तव्य होता है, हर माता-पिता अपने बच्चों की अच्छी से अच्छी परवरिश करने की कोशिश करते हैं, और अपने बच्चों से ही उम्मीद करते हैं कि वे पढ़े-लिखे और जीवन में कुछ आगे बढ़े, बच्चों को कभी भी किसी भी तरह की परेशानी का सामना करना पड़े इसके चलते माता-पिता बच्चों को बचपन से ही तरह तरह की सुख-सुविधाएँ उपलब्ध करवाते हैं। लेकिन यहाँ ज़रूरतों को पूरा करना, और सुख-सुविधाएँ उपलब्ध करवाना ही एक अच्छी परवरिश होती है?
जी नहीं, बच्चे की अच्छी परवरिश करने के लिए उन्हें सुख सुविधाएँ उपलब्ध करवाना ही ज़रूरी नहीं है, बल्कि कुछ ख़ास बातों का भी ध्यान रखना ज़रूरी है। कई बार माता-पिता बच्चों को लेकर बहुत डरे हुए होते हैं, जिसके चलते भी बच्चों को बहुत कम आज़ादी देते हैं, क्या ये कहा जाए कि बिलकुल भी आज़ादी नहीं देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि बच्चों को आज़ादी न देने के कारण बच्चों का भविष्य ख़राब हो सकता है, चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि क्यों बच्चों से उनकी आज़ादी नहीं छीननी चाहिए। साथ ही साथ हम यह भी बताएंगे कि माता-पिता किन किन चीज़ों में बच्चों से आज़ादी छीन लेते हैं।
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बच्चों से कभी न छीनें इन चीजों की आज़ादी (Parenting Tips)
ख़ुद से फ़ैसले लेने की आज़ादी
माता पिता अवसर अपने फ़ैसले को बच्चों के ऊपर थोप देते हैं, बच्चों को कभी भी ख़ुद से फ़ैसले लेने की आज़ादी नहीं देते हैं। ये छोटी सी आदत बच्चों के लिए बहुत ख़तरनाक हो सकती है। अगर आप अभी से बच्चों को फ़ैसले लेने की आज़ादी नहीं देंगे तो बच्चे बड़े होने के बाद भी ख़ुद इसी फ़ैसले लेने में सक्षम नहीं हो पाएंगे, वे हमेशा दूसरों की राय पर चलेंगे, हमेशा दूसरों के विचारों को अपनाएंगे, और ख़ुद के विचार कभी भी नहीं रख पाएंगे। आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप अपने बच्चों को ख़ुद से फ़ैसले लेना सिखाएं, कुछ कुछ फ़ैसले बच्चों को खुद से लेने देंगे , तो बच्चा बड़े होते होते न सिर्फ़ छोटे बल्कि बड़े फ़ैसले ले पाएगा।
खुलकर मन की बात कहने की आज़ादी
अक्सर कई घरों में ऐसा होता है कि बच्चे खुलकर अपने मन की बातें नहीं रख पाते हैं। क्योंकि उन्हें माता पिता खुलकर बोलने की आज़ादी देते ही नहीं है, माता पिता को लगता है कि बच्चा छोटा है, न तो वे उन्हें खुलकर बात रखने देते हैं न ही उनकी बातों पर ध्यान देते हैं। इस बात का ध्यान रखने की बच्ची हर चीज़ों को जानने में सबसे ज़्यादा उत्साहित होते हैं, उन्हें हर चीज़ों को लेकर सवाल पूछना अच्छा लगता है, अगर बच्चा आपसे सवाल करता है तो आपको इसका जवाब अच्छे से देना चाहिए, ना की उनकी बातों को नज़रअंदाज़ करना चाहिए। जब आप बच्चों को खुलकर बातें करने का मौक़ा देंगे, तब वो बच्चे आपको हर प्रकार की बातें शेयर करेंगे।
दोस्त बनाने की आज़ादी
माता पिता अवसर बच्चों को लेकर बहुत प्रोटेक्टिव होते हैं, जिसके चलते उन्हें डर लगता है कि कहीं उनका बच्चा ग़लत संगति में ना पड़ जाए कहीं ग़लत लोगों से दोस्ती न कर लें। यही कारण है माता पिता बच्चों को दोस्ती करने पर बहुत रोकते टोकते हैं। लेकिन अगर आप ऐसा करेंगे, तो आपका बच्चा कभी भी लोगों से मिलना पसंद नहीं करेगा, लोगों से मिलना जुलना , बातें करना आगे बढ़ने के लिए बहुत ज़रूरी होता है। इसलिए बच्चों को खुलकर दोस्ती करने का मौक़ा दें, ऐसा करने से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। वे तरह तरह के लोगों से मिल पाएंगे और उनके बारे में समझ पाएंगे।