Parenting Tips: माता-पिता के द्वारा बोली गई ये बातें बच्चों पर डालती है बुरा असर, बच्चा खुद को समझने लगता है कमजोर, पढ़े खबर

Parenting Tips: माता-पिता जो कहते हैं और करते हैं, उसका बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अक्सर, माता-पिता अनजाने में ही कुछ ऐसी बातें कह देते हैं जो बच्चों के आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

parenting tips

Parenting Tips: हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी परवरिश देने की कोशिश करते हैं। लेकिन जाने अनजाने में वे खुद कुछ ऐसी बातें कर देते हैं जिस वजह से बच्चों पर बुरा असर पड़ सकता है। कई बार हम बच्चों के सामने इस तरह की बात कर देते हैं जैसे तुमसे कुछ नहीं हो पाएगा, तुम हमेशा गलती करते हो, ऐसे में तुम कभी आगे नहीं बढ़ पाओगे आदि। यह बातें सुनने और पढ़ने में बहुत मामूली लगती है लेकिन यह मामूली बात ही बच्चों पर गहरा प्रभाव डालती है। माता-पिता के द्वारा बोली गई यह बातें और बच्चों के द्वारा सुनी गई यह बातें बच्चों को यह महसूस करने पर मजबूर कर देती है कि सच में वह किसी काबिल नहीं है। ऐसे में बच्चे अपने आप को बाकी लोगों के मुताबिक कमजोर महसूस करने लगते हैं। इस तरह की बातों से बच्चों का आत्मविश्वास कम हो जाता है। वह हमेशा लोगों से बात करने में कतराते हैं और लोगों से दूर भागते हैं। आज हम आपको ऐसी ही कई बातें बताने जा रही है जो किसी भी माता-पिता को अपने बच्चों से भूलकर भी नहीं बोलनी चाहिए, तो चलिए जानते हैं वह बातें कौन-कौन सी हैं।

माता-पिता को भूलकर भी बच्चों से क्या बातें नहीं बोलनी चाहिए

“ये खाता ठीक से नहीं है”

यह बात बच्चे को यह महसूस करा सकती है कि वो दूसरों से कम अच्छा है। इससे उसकी आत्मसम्मान कम हो सकता है और वो खुद को दूसरों से अलग समझने लग सकता है। कुछ बच्चे जल्द ही अच्छे से खाना सीख जाते हैं वहीं कुछ बच्चों को ठीक से व्यवस्थित तरीके से खाना खाने में समय लगता है। ऐसे में माता-पिता को समझना चाहिए कि हर बच्चा अलग होता है हर बच्चे की सीखने की क्षमता भी अलग-अलग होती है।

“इसका तो पढ़ने में ध्यान ही नहीं है”

यह बात बच्चे को हतोत्साहित कर सकती है और उसे पढ़ाई से दूर कर सकती है। इससे उसका शैक्षिक प्रदर्शन भी प्रभावित हो सकता है। कुछ बच्चे पढ़ाई में बहुत ज्यादा होशियार होते हैं कुछ बच्चे थोड़े कम होशियार होते हैं। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप उनकी पढ़ाई के तरीके या उनके अंको से उनके भविष्य का अनुमान लगाएं। अगर आपके बच्चे का पढ़ाई में कम मन लगता है तो आप जानने की कोशिश करें कि क्या उसे किसी और चीज में ज्यादा रुचि है।

“इसके हाथों से हर चीज टूट जाती है”

यह बात बच्चे को लापरवाह और गैरजिम्मेदार बना सकती है। इससे वो चीजों का ध्यान नहीं रखेगा और अक्सर गलतियां करेगा। अक्सर बच्चों के हाथों से कुछ ना कुछ सामान टूट जाता है कभी कभार बच्चे कांच के ग्लास या कांच की बनी कुछ चीजों को तोड़ देते हैं या उनके हाथों से टूट जाती है। ऐसे में अगर माता-पिता बच्चों से यह बात बोलेंगे कि इसके हाथों से हर चीज हमेशा टूट जाती है तो बच्चा अपने आप को लापरवाह और गैर जिम्मेदार समझेगा।

“तुम कभी कुछ नहीं कर पाओगे”

यह बात बच्चे को हतोत्साहित कर सकती है और उसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोक सकती है। इससे उसका आत्मविश्वास कम हो सकता है और वो खुद को दूसरों से कम अच्छा समझने लग सकता है। अक्सर माता-पिता बच्चों के सामने यह बात बोल देते हैं। शायद सुनने में यह सिर्फ एक मामूली सी बात लगे लेकिन यह बात बच्चों पर बुरा असर डाल सकती है। जब बच्चा माता-पिता के मुंह से बार-बार यह बात सुनता है कि तुम कभी कुछ नहीं कर पाओगे, तो बच्चा भी अपने आप को वैसा ही समझने लगता है और वह यह सोचता है कि सच में वह कुछ नहीं कर पाएगा।

“तुम हमेशा गलती करते हो”

यह बात बच्चे को दोषी महसूस करा सकती है और उसे आत्म-संदेह में डाल सकती है। इससे वो खुद पर भरोसा करना बंद कर सकता है और नए काम करने से डरने लग सकता है। गलतियां सिर्फ बच्चों से ही नहीं बल्कि बड़ों से भी होती है। इसलिए हर माता-पिता को यह बात समझनी चाहिए कि गलती करने पर ही बच्चे सीखते हैं।

“तुमसे तो कुछ नहीं होगा”

यह बात अक्सर माता-पिता तब बोलते हैं तब वह बच्चों को कुछ काम करने के लिए देते हैं और बच्चों से वह काम ठीक से नहीं हो पाता है तब माता-पिता अक्सर उनसे बोलते हैं कि तुमसे तो कुछ नहीं होगा।यह बात बच्चे की आकांक्षाओं को कुचल सकती है और उसे अपने सपनों को त्यागने पर मजबूर कर सकती है। इससे वो जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा खो सकता है।

“तुम मेरे जैसा क्यों नहीं हो सकते?”

अक्सर हर माता-पिता अपने बच्चों को खुद के जैसा बनाने की कोशिश करते हैं। वे चाहते हैं कि हमारा बच्चा उसी ढंग से काम करें, उसी ढंग से जीवन जिए जिस ढंग से हम जीते हैं। लेकिन ऐसा संभव नहीं होता है क्योंकि दुनिया में हर व्यक्ति अलग-अलग होता है।यह बात बच्चे को अपर्याप्त महसूस करा सकती है और उसे लग सकता है कि वो आपके प्यार और स्वीकृति के योग्य नहीं है। इससे वो अपनी पहचान बनाने में असक्षम महसूस करेगा।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


About Author
भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

Other Latest News