कड़क ठंड में भी बथुआ की पत्तियां रहेंगी हरी-भरी, बस मिला लें किचन की ये चीज

कड़क ठंड में भी बथुआ की पत्तियां हरी-भरी कैसे रहें, जानना चाहते हैं? बस, अपनी किचन में रखी एक खास चीज़ से इसे मिला लें, और देखें कमाल।

Bhawna Choubey
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Plant Care: सर्दियों के मौसम में पौधों की देखभाल दोगुनी करनी पड़ती है. जिस तरह से मौसम में बदलाव होता है, वैसे-वैसे पौधों की देखभाल करने का तरीका भी हमें बदलना चाहिए. आज हम ख़ासतौर पर बथुआ के पौधे के बारे में जानेंगे.

सर्दियों के मौसम में जनवरी की कड़कड़ाती ठंड और ओस भरे मौसम में बथुआ कि पत्ती पिली पड़ने और झड़ने लगते हैं. ऐसे में इस मौसम में पौधों को बचाने के लिए सही देखभाल की ख़ास ज़रूरत है. चलिए जानते हैं कि सर्दियों के मौसम में इस पौधे की कैसे देखभाल करें.

सरसों की खली

क्या आप जानते हैं कि सरसों की खली की मदद से आप सर्दियों के मौसम में बथुआ के पौधों को सुरक्षित रख सकती है. दरअसल, सरसों की खली में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जो बथुआ के पौधों को जड़ से मज़बूत करने में मदद करते हैं.

इसे पौधों की मिट्टी में मिलाने से न केवल पौधों में वृद्धि होती है बल्कि पत्तियों का झड़ना भी बंद हो जाता है. सर्दियों के मौसम में यह पौधे को स्वस्थ और आकर्षक बनाए रखने का एक आसान तरीक़ा है.

कैसे करें सरसों की खली का इस्तेमाल

सरसों की खली का इस्तेमाल करने के लिए आप सरसों की खली को पानी में घोलकर पौधों की जड़ों के पास डाले. महीने में एक बार सरसों की खली का इस्तेमाल करने से बथुआ का पौधा सर्दियों में स्वस्थ और पत्तेदार बना रहेगा.

सरसों के पत्तों

बथुआ के पत्तों के लिए नेचुरल फर्टिलाइजर तैयार करना बहुत ही रोचक हो सकता है. आपको प्राकृतिक फर्टिलाइजर बनाने के लिए न सिर्फ सरसों की खली बल्कि सरसों के पत्तों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

कैसे करें सरसों के पत्तों का इस्तेमाल

सरसों के पत्तों में नाइट्रोजन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो पौधों की ग्रोथ और पत्तियों को हरा भरा बनाए रखने में मदद करते हैं. इसे बनाने के लिए एक बाल्टी में आधा पानी भरे हैं और उसमें सरसों के पत्ते और डंडिया डालकर 24 घंटे के लिए ढाककर रख दे. इसके बाद पत्तों को अलग कर लें और तैयार पानी को बथुआ कि पौधों की जड़ों में डाले.

खट्टी दही आप छाछ का इस्तेमाल

इतना ही नहीं बथुआ के पौधों को हरा-भरा और पत्तेदार बनाने के लिए खट्टी दही आप छाछ का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. तीन चार दिन पुरानी खट्टी दही या छाछ में नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो पौधों की ग्रोथ को बढ़ाने में मदद करते हैं.

इसे तैयार करने के लिए दो-तीन चम्मच खट्टी दही या छाछ को पानी में अच्छी तरह से मिक्स कर लें. इस घोल को बथुआ के पौधों की जड़ों में डाले.

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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