फरवरी में गोबर खाद में मिलाकर डालें ये चीजें, आम के पेड़ पर आएगी बौर की भरमार

फरवरी का महीना आम के पेड़ की देखभाल के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, खासकर जब बौर लगने का समय नजदीक हो। इस समय, यदि आप गोबर खाद के साथ कुछ खास चीजें डालते हैं, तो आपके पेड़ पर बौर की भरमार हो सकती है और फल भी अच्छे गुणवत्ता के होंगे.

Bhawna Choubey
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गर्मियों के मौसम में जिस फल को सबसे ज़्यादा पसंद किया जाता है वह फल है आम. आम के पेड़ों पर फूल और फल बनने का समय भी जल्द ही शुरू होने वाला है. आम के पेड़ों को लेकर ऐसा कहा जाता है कि अगर पिछले साल जिस आम के पेड़ (Mango Tree) में फल ज़्यादा आते हैं उस पर आने वाले साल में फल कम लगते हैं.

अगर आपको भी ऐसा महसूस होता है, कि आपके आम के पेड़ों में एक साल तो अच्छे फल आते हैं, लेकिन अगले साल फल अचानक कम हो जाते हैं या फिर आना बंद हो जाते हैं. चलिए इस आर्टिकल के ज़रिए समझते हैं कि आप अपने आमों के पेड़ों में भरपूर फल लाने के लिए फ़रवरी के महीने में ऐसा क्या काम कर सकते हैं, जिससे कि आप गर्मी के मौसम में भरपूर ताज़े आमों का आनंद ले सकें.

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आम का पेड़ (Mango Tree)

पेड़ चाहे कैसा भी क्यों न हो अच्छी फ़सल के लिए सही खाद का चयन करना बहुत ज़रूरी होता है. वैसे तो बाज़ार में तमाम प्रकार की खाद मिलती है, लेकिन अगर बाज़ार में मिलने वाली कैमिकल वाली खाद का इस्तेमाल न करते हुए अगर घर की बनी हुई गोबर की खाद का इस्तेमाल किया जाए तो यह और भी ज़्यादा फ़ायदेमंद हो सकती है.

गोबर की खाद (Plant Care)

गोबर में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और बोरोन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पौधों के विकास के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं, अगर आम के पेड़ की बात की जाए तो नाइट्रोजन फास्फोरस दोनों ही आम के पेड़ के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, ये दोनों ही तत्व फल की वृद्धि में मदद करते हैं.

कैसे करें गोबर की खाद का इस्तेमाल

अब आपके मन में यह सवाल ज़रूर आ रहा होगा कि आख़िर गोबर की खाद का इस्तेमाल पेड़ों के लिए कैसे किया जाता है, आम के पेड़ पर बौर लगने का सीज़न अब शुरू हो चुका है, गोबर की खाद का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले मिट्टी की गुड़ाई करें, ताकि मिट्टी हल्की हो सके और हवा का संचार सही तरीक़े से हो सके.

इसके बाद कम से कम 8-10 किलो गोबर की खाद डालें और अच्छे से मिक्स करें. गोबर की खाद में मौजूद पोषक तत्व पेड़ की जड़ों को पोषण देते हैं जिससे बौर की वृद्धि होती है. ज़्यादा फ़ायदे के लिए केले के छिलके का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. केले के छिलके को कैंची से काटकर उसे मिट्टी में मिला दें. इस तरह से जब आप गोबर की खाद और केले के छिलके का इस्तेमाल करेंगे तो आप पाएंगे कि आम के पेड़ में कई सारे फल लगे हैं.

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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