चीटियों के कहर से बचाएं पौधें, किचन में पाई जाने वाली ये एक चीज करेगी आपकी मदद

सर्दियों के मौसम में पौधों को अधिक देखभाल करने की आवश्यकता होती है। इस मौसम में अक्सर पौधों में चीटियां लग जाती हैं, जिस वजह से पौधों की ग्रोथ रुक जाती है और वह मुरझा जाते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए घरेलू समाधान बहुत कारगर साबित हो सकते हैं।

Bhawna Choubey
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Plant Care: दिन पर दिन लोगों में गार्डनिंग का शौक बढ़ते ही जा रहा है। लोग तरह-तरह के पौधे अपने घरों में लगाते रहते हैं, इतना ही नहीं पौधों की देखभाल बिल्कुल अपने बच्चों की तरह करते हैं। जैसे-जैसे मौसम बदलता है वैसे-वैसे पौधों की देखभाल करने का तरीका भी बदलना चाहिए।

अब सर्दी का मौसम चल रहा है और इस मौसम में एक आम समस्या है जो अक्सर पौधों में देखी जा सकती है, वह है चीटियों का लग जाना। चीटियां पौधों के ताने और पत्तियों पर इकट्ठा हो जाती है जिससे पौधों की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसे में पौधों की ग्रोथ रुक जाती है और पौधे मुरझा जाते हैं।

घरेलू लिक्विड फर्टिलाइजर

इस तरह की समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोग केमिकल लिक्विड फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कई बार यह पौधे को फायदा पहुंचाने की वजह नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। इसलिए क्यों ना चीटियों को भगाने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे को अपनाया जाए। घरेलू उपाय न सिर्फ पौधे के लिए सुरक्षित होते हैं बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित बनाकर रखते हैं।

नीम की खली का इस्तेमाल

चीटियों को भगाने के लिए नीम की खली बहुत ही कारगर साबित हो सकती है। नीम की खली को आप आसानी से किसी भी खाद भंडार से खरीद सकते हैं। चलिए जान लेते हैं, की आखिर नीम की खली का इस्तेमाल पौधों के लिए किस तरह करना है।

इसका इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले 5 या 6 चम्मच नीम की खली को 1 लीटर पानी में अच्छी तरह से मिलाएं। फिर इस मिश्रण को स्प्रे बोतल में भरकर पौधों की जड़, तने, मिट्टी और पत्तों पर छिड़काव करें। इस प्रक्रिया को सप्ताह में दो बार दोहराएं। आपको एक महीने के अंदर ही फर्क नजर आने लगेगा।

दालचीनी पाउडर का इस्तेमाल

दालचीनी एक ऐसा मसाला है, जो भारतीय घरों में आसानी से पाया जा सकता है, इसका इस्तेमाल खाने और चाय बनाने में किया जाता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए तीन-चार चम्मच दालचीनी पाउडर में एक दो मग पानी अच्छे से मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें। फिर इस घोल को स्प्रे बोतल में भरकर पौधों की मिट्टी, जड़ और पत्तों पर छिड़कें।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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