Planting Tips: चिलचिलाती गर्मी में भी भर-भर के खिलेंगे गुड़हल के फूल, बस रखें इन बातों का ध्यान

Planting Tips: गर्मी का मौसम आते ही रंग-बिरंगे फूलों से सजा गुड़हल का पौधा घरों की शोभा बढ़ा देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि थोड़ी सी देखभाल से आप गर्मियों में भी अपने गुड़हल के पौधे में ढेरों फूल खिला सकते हैं?

Plant Care

Planting Tips: घर में अलग-अलग तरह के फूल-पौधे लगाना भला किसे पसंद नहीं होता है। लेकिन कई बार हम पूरी मेहनत से घर के बगीचे या गमले में पौधे लगाते हैं, लेकिन उनमें फूल नहीं आते हैं। इसकी वजह यह है कि हम पौधे लगा तो देते हैं, लेकिन उनकी उचित देखभाल नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह से पौधों में फूल नहीं आ पाते और पत्तियां भी पीली होकर गिरने लगती हैं। गुड़हल का पौधा अपने रंग-बिरंगे फूलों के लिए जाना जाता है। लेकिन गर्मी के मौसम में अगर इसकी ठीक से देखभाल न की जाए, तो इसमें फूल नहीं आते हैं। इसकी वजह पानी की कमी, धूप की कमी, खाद की कमी, कीटों का प्रकोप हो सकती है। गर्मी के मौसम में गुड़हल के पौधों में फूल कम आना और पत्तियों का पीला होना आम समस्या है। ग्रेटर नोएडा की नेहा नर्सरी के प्लांट एक्सपर्ट ब्रिजेन्द्र सिंह के अनुसार, इन समस्याओं से निपटने के लिए आप कुछ आसान उपाय कर सकते हैं।

कितनी दी रखें धूप में

गुड़हल, अपने विशाल फूलों के लिए जाना जाता है, को भरपूर फूलों के लिए कम से कम 5-6 घंटे सीधी धूप की आवश्यकता होती है। सुबह 6 बजे से 11 बजे के बीच का समय, चाहे वह मई या जून की भीषण गर्मी क्यों न हो, इस पौधे के लिए आदर्श होता है। यह मौसम पर्याप्त धूप प्रदान करता है, जो अधिक फूलों को प्रोत्साहित करता है। धूप न केवल पौधे को पोषण देती है बल्कि कीटों को भी दूर रखती है। गुड़हल को खिलने के लिए पर्याप्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है, और यदि इसे 1-2 घंटे से अधिक धूप नहीं मिलती है, तो यह ऊर्जा प्राप्त करने में विफल रह सकता है। इसलिए, अपने गुड़हल को स्वस्थ रखने और उसमें भरपूर फूलों का आनंद लेने के लिए, प्रतिदिन कम से कम 5-6 घंटे सीधी धूप सुनिश्चित करें।

कैसी होनी चाहिए मिट्टी

गुड़हल के पौधे की अच्छी वृद्धि के लिए सही मिट्टी का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। गलत मिट्टी में लगाने से जड़ें सूख सकती हैं और पौधा पोषण की कमी से ग्रस्त हो सकता है। गुड़हल के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। यह मिट्टी जल निकासी के लिए अच्छी होती है और पौधे की जड़ों को हवा प्रदान करती है। बहुत चिकनी मिट्टी से बचें क्योंकि यह पानी को जमा कर सकती है, जिससे जड़ें सड़ सकती हैं। मिट्टी की पोषण क्षमता बढ़ाने के लिए वर्मीकम्पोस्ट मिलाएं।अतिरिक्त पानी को मिट्टी से बाहर निकलने के लिए अच्छी जल निकासी वाले गमले का उपयोग करें।

कितना देना चाहिए पानी

गुड़हल के पौधे की उचित वृद्धि के लिए सही मात्रा में पानी देना महत्वपूर्ण है। गर्मी के मौसम में मिट्टी जल्दी सूख जाती है। मिट्टी में 2-3 इंच गहराई तक पानी डालें। सुबह जल्दी या शाम को पानी देना सबसे अच्छा होता है। अत्यधिक पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं। पानी की बूंदों से कलियां झड़ सकती हैं। पानी देने से पहले मिट्टी को छूकर देखें कि वह सूखी है या नहीं। पौधे की जरूरत के अनुसार पानी दें। गमले में जल निकासी के लिए छेद होना चाहिए। बहुत ठंडा या गर्म पानी न दें।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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