Psychological Facts : मनोविज्ञान एक ऐसी शाखा है जिसमें मानव व्यवहार, मानसिक प्रक्रिया और व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। इस का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के मानसिक कार्यों, व्यवहारों और अनुभवों को समझना, विश्लेषण करना है। मनोविज्ञान के अध्ययन क्षेत्र बहुत विस्तृत और लंबे समय तक हुई रिसर्च में कई रोचक तथ्य निकलकर सामने आए हैं, जिनमें से कुछ हम आपके साथ साझा कर रहे हैं।
मनोवैज्ञानिक तथ्य
- जो लोग सबसे अधिक अक्षम हैं, उन्हें अपनी अक्षमता के बारे में सबसे कम पता है। ये एक अध्ययन में पाया गया प्रभाव है, जिसका नाम इसके मूल पर्यवेक्षक के नाम पर Dunning–Kruger effect रखा गया है। ये संज्ञानात्मक पूर्वाग्रह का वर्णन करता है कि किसी कार्य में कम क्षमता वाले व्यक्ति अपने प्रदर्शन को अधिक महत्व देने की संभावना रखते हैं। ये लोग अपनी क्षमता की कमी को पहचानने में असफल होते हैं, जिससे वे अपनी क्षमता का निष्पक्ष मूल्यांकन करने में असमर्थ हो जाते हैं।
- नियमित रूप से दूसरों की मदद करने से हम लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। नियमित स्वयंसेवा के प्रभावों की समीक्षा करते समय मनोवैज्ञानिकों ने पाया कि यह उन लोगों की तुलना में प्रारंभिक मृत्यु दर को 22% तक कम कर सकता है जो ऐसी गतिविधियों में भाग नहीं लेते हैं। नियमित रूप से दूसरों की सहायता करने वालों ने भी अवसाद के लक्षणों में कमी और जीवन में संतुष्टि और खुशहाली की भावना में वृद्धि की सूचना दी।
- ये बात थोड़ी अजीब लग सकती है लेकिन पाया गया है कि अधिक शत्रुतापूर्ण भाव रखने वाले लोगों के पास अधिक आक्रामक कुत्तों की नस्लें होती हैं। रॉटवीलर या जर्मन शेफर्ड जैसी आक्रामक नस्ल वाले कुत्तों के मालिकों के व्यक्तित्व की तुलना लैब्स और गोल्डन रिट्रीवर जैसे शांतिपूर्ण नस्लों के मालिकों से की गई थी। परिणाम..उनमें क्रोध, आक्रामकता और शत्रुता के गुण अधिक पाए गए।
- साप्ताहिक व्यायाम अल्जाइमर की आशंका को कम कर सकता है। जर्नल ऑफ अल्जाइमर रिसर्च एंड थेरेपी में प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि जब हल्के संज्ञानात्मक हानि वाले रोगियों ने सप्ताह में कम से कम तीन बार शारीरिक व्यायाम करना शुरू किया तो उनमें अल्जाइमर होने का खतरा काफी कम हो गया है।
- ऐसा विशेष समय होता है, जब शराब हमारे लिए खतरनाक होती है। हालांकि शराब का सेवन आपके मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए हमेशा बुरा होता है, लेकिन 3 विशेष रूप से संवेदनशील अवधियाँ होती हैं, जब गंभीर शराब के सेवन से आपके मस्तिष्क पर लंबे समय तक चलने वाला हानिकारक प्रभाव पड़ता है। ये हैं..गर्भावस्था (गर्भाधान से जन्म तक), किशोरावस्था (15-19 वर्ष) और अधिक वयस्कता (65 वर्ष से अधिक)।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)