Regenerative Tourism, More Than Sustainable Tourism : पर्यटन स्थलों पर पॉलिथीन, खाने के डब्बे, कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलें और ऐसा तमाम कचरा हमने कई बार देखा है, जो न सिर्फ उस स्थान की सुंदरता बिगाड़ता है बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। पर्यटकों की ग़ैर जिम्मेदारी का नतीजा कई पर्यटन स्थलों की दुर्दशा के रूप में हम देख चुके हैं। ऐसे में ‘रेगनरेटिव टूरिज्म’ एक नई आशा की किरण है।
रेगनरेटिव टूरिज्म एक ऐसा दृष्टिकोण है जो पारंपरिक पर्यटन के मुकाबले प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों को फिर से जीवित करने और उनका पुनर्निर्माण करने पर ध्यान केंद्रित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य यात्रा के दौरान न सिर्फ पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर नकारात्मक प्रभावों को कम करना है, बल्कि उनपर सकारात्मक प्रभाव डालना भी है। यह पर्यटकों को इस तरीके से यात्रा करने के लिए प्रेरित करता है जिससे वे स्थानों की जैव विविधता, सांस्कृतिक धरोहर और स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दे सकें।
क्या है Regenerative Tourism
रेगनरेटिव टूरिज्म पारंपरिक “सस्टेनेबल टूरिज्म” से एक कदम आगे का विचार है। इसका उद्देश्य सिर्फ पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर कम नकारात्मक प्रभाव डालना नहीं है, बल्कि उन स्थानों को पहले से बेहतर स्थिति में छोड़ना है। यह ऐसा पर्यटन है जो पर्यावरण, समाज और स्थानीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित और सशक्त बनाने की वकालत करता है। रेगनरेटिव टूरिज्म के तहत पर्यटक और पर्यटन उद्योग मिलकर उन स्थलों पर सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करते हैं जहां वे जाते हैं। इसका फोकस केवल “कम नुकसान पहुँचाने” पर नहीं, बल्कि “सुधार करने” पर है।
रेगनरेटिव टूरिज्म के मुख्य सिद्धांत
- पुनर्निर्माण और सुधार: यह केवल संरक्षण पर केंद्रित नहीं है, बल्कि स्थानों की पारिस्थितिकीय और सांस्कृतिक संरचनाओं को सुधारने और पुनर्निर्मित करने के लिए काम करता है।
- स्थानीय समुदायों का सहयोग: पर्यटन के लाभ को स्थानीय समुदायों के साथ साझा किया जाता है, ताकि उनका जीवनस्तर बेहतर हो और वे अपनी संस्कृति को संरक्षित कर सकें।
- दायित्वपूर्ण यात्रा: इसमें पर्यटकों को यह समझाया जाता है कि उनकी यात्रा का उद्देश्य सिर्फ आराम और मनोरंजन नहीं होना चाहिए, बल्कि पर्यावरण और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी महत्वपूर्ण है।
- देखें और सीखें : यह पर्यटकों को सिखाता है कि वे यात्रा के दौरान पर्यावरणीय चुनौतियों और सामाजिक समस्याओं के बारे में जागरूक रहें और उनसे निपटने के उपायों में योगदान करें।
क्यों प्रचलित हो रहा है रेगनरेटिव टूरिज्म
- पर्यावरणीय चुनौतियां : बढ़ते पर्यटन ने कई स्थानों पर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है जैसे समुद्र तटों का क्षरण, प्लास्टिक कचरे में बढ़ोतरी और वनों की कटाई। इसीलिए पर्यटक और पर्यटन उद्योग अब ऐसी गतिविधियों को अपनाने लगे हैं जो इन समस्याओं को हल करने में मदद करें।
- सस्टेनेबिलिटी से आगे का कदम : “सस्टेनेबल टूरिज्म” का उद्देश्य स्थिति को स्थिर बनाए रखना था, जबकि रेगनरेटिव टूरिज्म सक्रिय रूप से सुधार पर ध्यान देता है। ये उससे आगे की बात है। यह विचार ज्यादा प्रभावी और लंबे समय के समाधान की ओर इशारा करता है।
- स्थानीय समुदायों का सशक्तिकरण : पारंपरिक पर्यटन में अक्सर स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ कम मिलता था। रेगनरेटिव टूरिज्म में समुदाय के साथ काम करके उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाता है। ये स्थानीय लोगों के हित का भी ध्यान रखता है।
- पर्यटकों की बदलती मानसिकता : अब पर्यटक “जिम्मेदार यात्रा” के महत्व को समझने लगे हैं। यात्रा के दौरान प्रकृति, संस्कृति और समुदाय के प्रति सम्मान और योगदान देने की भावना बढ़ रही है। ये बात पर्यटन उद्योग के साथ पर्यावरण के भी हित में है।
रेगनरेटिव टूरिज्म के कुछ उदाहरण
- कोस्टा रिका : यहां पर्यावरण संरक्षण के लिए इको-लॉज और नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों को वन्यजीव संरक्षण के लिए जोड़ा जाता है।
- न्यूज़ीलैंड : “Tiaki Promise” पहल के तहत यहां पर पर्यटकों को सिखाया जाता है कि वे अपने पर्यावरणीय कर्तव्यों का पालन करें और स्थानीय संस्कृति का सम्मान करें।
- हवाई, यूएसए : यहां के होटलों और रिसॉर्ट्स ने स्थानीय समुद्री जीवन को संरक्षित करने और प्लास्टिक का उपयोग घटाने के लिए पहल की है।
- राजस्थान : यहां पर स्थानीय हस्तशिल्प और पारंपरिक कला को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों को ग्रामीण समुदायों से जोड़ा जा रहा है।