चमत्कारी गुणों से भरपूर होते हैं सदाबहार के फूल, कई समस्याओं को करते हैं दूर, ऐसे करें इस्तेमाल

Sadabahar Flowers Benefits: सदाबहार के फूल आसानी से भारत में मिल जाते हैं। यह एक बारहमासी फूल है, जो पूरे साल पाया जाता है। इसे सदा सुहागन के नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल पूजा के दौरान भी किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है इसमें कई सेहतमंद गुण भी पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। सदाबहार के फूलों में एल्कलॉइड, विंक्रिस्टिन, एजमेलिसिन जैसे एन्ज़ाइम मौजूद होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाया जाता है। ये फूल शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं। साथ ही कई समस्याओं से राहत दिलाते हैं।

सदाबहार फूल के फायदे 

  • सदाबहार के फूलों फूलों का सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्ट होता है जिसके कारण बुखार, सर्दी, जुखाम से लड़ने में मानव शरीर सक्षम बनता है।
  • सदाबहार के फूल ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत दिला सकते हैं। इसका सेवन करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। साथ हृदय से जुड़ी समस्याओं का खतरा भी कम होता है।
  • डायबिटीज मरीजों के लिए सदाबहार का फूल किसी वरदान से कम नहीं है। इसका सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है।

ऐसे करें इस्तेमाल

आप अलग-अलग तरीके से सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप घर पर इससे काढ़ा, जूस और चाय बनाकर अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। हालांकि इसका इस्तेमाल करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेना जरूरी होता है।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल समान्य जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News