Plant Care Tips: गर्मी आते ही मुरझाने लगा है शमी का पौधा, तो कहीं ये गलती तो नहीं कर रहें आप, जानें कैसे करें देखभाल

Plant Care Tips: गर्मी का मौसम आ गया है और तेज धूप और गर्मी से कई पौधे मुरझाने लगते हैं। शमी का पौधा भी इनसे अछूता नहीं है। यदि आपका शमी का पौधा गर्मी से मुरझा रहा है तो घबराइए नहीं। कुछ आसान नुस्खे अपनाकर आप उसे फिर से हरा-भरा कर सकते हैं।

Bhawna Choubey
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Plant Care Tips: शमी का पौधा भारत में एक लोकप्रिय पौधा है, हिंदू धर्म में इस पौधे का विशेष महत्व है। घर में शमी का पौधा लगाने का विशेष महत्व माना जाता है। इस पौधे को सुख शांति और समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है। जिसके चलते ज्यादातर घरों में शमी का पौधा देखने को मिलता है। लेकिन अब गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है। शमी के पौधे की पत्तियां बहुत ही कोमल होती है। जिस वजह से इस मौसम में शमी के पौधे की देखभाल करना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर आपने भी अपने घर में शमी का पौधा लगाया है और गर्मी आते ही वह मुरझाने लगा है तो चिंता की कोई बात नहीं है। कुछ बातों को ध्यान में रखकर और कुछ मामूली काम को करके आप अपने शमी के पौधे को गर्मी के मौसम में भी हरा भरा रख सकते हैं। इसी के साथ चलिए जान लेते हैं कि गर्मी के मौसम में आपको शमी के पौधे की किस तरह देखभाल करनी चाहिए।

तेज धुप में न रखें

शमी का पौधा सूखे और तेज धूप को सहन करने में सक्षम है, लेकिन अत्यधिक गर्मी से इसे नुकसान हो सकता है। यदि आपका शमी का पौधा सीधी धूप में रखा है, तो गमले को थोड़ी छाया में रख दें। सुबह की हल्की धूप पौधे के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन दोपहर की तेज धूप से बचाना चाहिए। आप छाया के लिए नेट का उपयोग कर सकते हैं या पौधे को पेड़ के नीचे रख सकते हैं।

कब और कितनी डालें डालें

गर्मी का मौसम शमी के पौधे के लिए मुश्किल हो सकता है, क्योंकि तेज धूप और गर्मी से पौधा मुरझा सकता है। नियमित रूप से खाद देकर आप पौधे को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं और उसे स्वस्थ रख सकते हैं। शमी का पौधा एक मजबूत और सहनशील पौधा है, लेकिन उसे स्वस्थ और हरा-भरा रहने के लिए संतुलित खाद की आवश्यकता होती है। वसंत ऋतु और मानसून ऋतु शमी के पौधे में खाद डालने का सबसे अच्छा समय होता है। इन मौसमों में मौसम सुहावना होता है और पौधे की वृद्धि अच्छी होती है। शमी के पौधे के लिए जैविक खाद सबसे अच्छी होती है। आप गोबर की खाद, कम्पोस्ट, नीम की खली या मूंगफली की खली का उपयोग कर सकते हैं।

कब और कितना डालें पानी

शमी के पौधे को अधिक पानी देने से बचना चाहिए। यह पौधा सूखे के प्रति सहनशील होता है और अत्यधिक पानी से इसकी जड़ें सड़ सकती हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसे कभी पानी न दें। मिट्टी को समय-समय पर चेक करते रहना और हल्की नमी बनाए रखना महत्वपूर्ण है। पानी देने से पहले अपनी उंगली मिट्टी में 1-2 इंच गहरा डालकर मिट्टी की नमी की जांच करें। यदि मिट्टी सूखी है तो पानी दें। यदि मिट्टी गीली है तो पानी देने से बचें। अगर बात करें की किस समय पानी देना चाहिए तो सुबह जल्दी पानी देना सबसे अच्छा होता है, जब धूप कम हो। इससे पानी को पौधे द्वारा अवशोषित होने का समय मिल जाएगा और गर्मी में पानी का वाष्पीकरण कम होगा। पानी को धीरे-धीरे और धीरे-धीरे दें ताकि पानी जड़ों तक पहुंच सके और मिट्टी पूरी तरह से गीली हो जाए। पानी को गमले से बाहर निकलने दें। गमले में जल निकासी के छेद होने चाहिए ताकि अतिरिक्त पानी निकल सके।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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