प्रेमानंद जी महाराज की बातें सुनना सभी को पसंद होता है, लोग सिर्फ़ उनकी बातों को सुनते ही नहीं है बल्कि ध्यान में रखते हैं और विचार को बदलते है. कई लोग महाराज की बातों को सुनने के बाद अपना सोचने और दुनिया को देखने का नज़रिया भी बदल चुके हैं.
प्रेमानंद जी महाराज अपने जीवन के अनुभवों और विज्ञान से लाखों लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. उनका जीवन शांति आत्मज्ञान और साधना का आदर्श है. वे हमेशा सत्य प्रेम और धैर्य की महत्ता को समझते हैं. उनकी उपदेश लोगों के जीवन को संतुलित और आत्मिक उन्नति की दिशा में प्रेरित करते हैं.
मन को शांत रखना सबसे ज़रूरी (Premanand Maharaj)
प्रेमानंद जी महाराज ने हमेशा कहा है, कि जो व्यक्ति अपने अंदर की शांति को समझ लेता है, वहीं संसार की सबसे बड़ी जीत को हासिल करता है.
उनका ऐसा मानना है कि बाहरी दुनिया की सभी संपत्तियां और उपलब्धियां केवल अस्थाई है लेकिन अपनी अंदर की शांति और संतुलन प्राप्त करना असली सफलता है.
भौतिक चीज़ों से नहीं मिलता जीवन का असली सुख
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा है कि जीवन का उद्देश्य केवल सुख प्राप्त करना नहीं है, बल्कि संतुष्टि और आंतरिक शांति को प्राप्त करना भी है.
उन्होंने बताया कि सुख केवल भौतिक चीज़ों से नहीं मिल सकता है, बल्कि सच्ची संतुष्टि और आंतरिक शांति तभी प्राप्त होती है जब हम अपने भीतर के संतुलन और आत्मज्ञान को समझ लेते हैं.
किसी से भी नफ़रत न करो
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा है कि जब तक आपके मन में किसी के प्रति नफ़रत है , आपका मन आंतरिक शांति महसूस नहीं कर सकता, उनका मानना है कि नफ़रत और घृणा हमारे अंदर की शान्ति को भंग कर देती है, क्योंकि जब हम किसी के प्रति नकारात्मक भावना रखते हैं, तो हमारा मन अशांत और असंतुष्ट रहता है.
समय का मूल्य समझो
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि समय का मूल्य समझना बहुत ज़रूरी है. उनका कहना है कि समय सबसे क़ीमती संसाधन है, जिसका सही उपयोग करके हम अपनी मंज़िल तक पहुँच सकते हैं.
समय बरबाद करने से जीवन में कोई भी सफलता नहीं मिल सकती है, जबकि अगर हम इसे सही दिशा में लगाते हैं, तो यह हमें आत्मविकास और सफलता की ओर अग्रसर करता है.