बौद्धिक क्षमता बढ़ाती है हंसने की आदत, जानें अन्य महत्त्वपूर्ण फायदे

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। हंसने-मुस्कुराने के कई फायदे समय-समय पर बताए जाते रहे हैं। कुछ ताजा अध्ययनों के अनुसार हंसने (laughing) से फर्टिलिटी की संभावना, बौद्धिक क्षमता और उम्र भी बढ़ती है। बता दें कि कैलिफोर्निया की लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ली बुर्के और डॉ. स्टेनले टैन ने पाया कि हंसने से हार्ट बीट बढ़ती है। हार्ट पर पॉजिटिव दबाव बढ़ने से यह रक्त की पंपिंग ज्यादा करता है। खुलकर हंसने से शारीरिक व मानसिक तनाव से राहत मिलती हैं। हंसी, ब्लड वैसल फंक्शन में सुधार कर ब्लड फ्लो बढ़ाती है। इससे हार्ट अटैक और दूसरी कार्डियोवस्कुलर समस्याओं से सुरक्षा मिलती है।

प्रेग्नेंसी में आसानी
दक्षिण कोरिया के शोधकर्ता एचजे चुंग ने स्ट्रेस और एंजायटी के दौर से गुजर रही इनफर्टिलिटी की महिलाओं पर लाफ्टर थैरेपी का असर जानने के लिए एक अध्ययन किया। उन्होंने आइवीएफ ट्रीटमेंट ले रही 40 महिलाओं में से 20 को लाफ्टर थैरेपी दी तो पाया कि बाकी 20 महिलाओं की तुलना में उनमें स्ट्रेस, एंजायटी और डिप्रेशन काफी कम था एवं उनमें प्रेगनेंसी ज्यादा आसानी से हुई। एक अन्य अध्ययन में पता चला कि हंसने-मुस्कुराने और हंसी-मजाक का आनंद लेने वाली महिलाओं में फर्टिलिटी के इलाज से प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ गए।

बढ़ती है आयु
हर पांच मिनट की हंसी हमारे जीवन में 5 दिनों की आयु बढ़ा सकती है। खुलकर हंसने से श्वसन मांसपेशियां फैलती हैं जिनसे इनकी एक्सरसाइज होती है। इससे चेस्ट कैविटी भी फैलती है और फेफड़ों में ज्यादा ऑक्सीजन भरती है।

मुसीबतों से सामना
अच्छे सेंस ऑफ ह्यूमर वाले, हंसोड़ और जिंदादिल इंसान, मुसीबतों और दुख की घड़ी में भी खुद को संयम, संतुलित एवं सक्रिय रखने में सक्षम होते हैं। ऐसे लोग मुसीबतों को सिर पर नहीं लादते।

बिजनेस सर्किल
हंसने वाले लोगों का सोशल और बिजनेस सर्किल बड़ा होता है, क्योंकि वे अपने स्वभाव के कारण आसानी से लोगों को आकर्षित कर लेते हैं।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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