Sinhagad Fort: सिंहगढ़ का किला, जिसे पहले कोंढाना फोर्ट के नाम से जाना जाता था, महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। यह सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में 1328 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और अपनी रणनीतिक स्थिति और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
सिंहगढ़ किले का इतिहास 14 वीं शताब्दी का है जब यह कोली राजा नाइक नाम के एक शासक के अधीन था। दिल्ली सल्तनत के मोहम्मद बिन तुगलक ने इसे जीत लिया। 1647 में इस किले को अपने अधीन कर छत्रपति शिवाजी महाराज ने इसका नाम बदलकर सिंह गढ़ किला रखा, लेकिन 1649 में शाहजी महाराज को आदिल शाह से छुड़ाने के लिए किला उसे वापस देना पड़ा।
1670 में, मराठा सेनापति तानाजी मालुसरे ने शिवाजी महाराज के नेतृत्व में इस किले पर हमला किया। तानाजी मालुसरे की वीरता और बलिदान के कारण, मराठा सेना इस किले पर कब्जा करने में सफल रही।
युद्ध के दौरान तानाजी के उल्लेखनीय पराक्रम और बलिदान ने उन्हें शाश्वत प्रसिद्धि दिलाई और सिंहगढ़ किला का मोर की उपाधि दी। सिंहगढ़ किला आज भी तानाजी की वीरता और बलिदान की याद दिलाता है। किले के मुख्य द्वार के पास तानाजी मालुसरे की प्रतिमा स्थापित है। किले के अंदर कई अन्य ऐतिहासिक स्मारक भी हैं, जिनमें भवानी मंदिर, टक टकी बावली, और तोरणा शामिल हैं।
सिंहगढ़ किला न केवल अपनी ऐतिहासिक महत्व के लिए, बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। किले से आसपास के क्षेत्र का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। यह ट्रेकिंग और पिकनिक के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।
सिंहगढ़ किला कैसे पहुंचें
सड़क मार्ग: पुणे से सिंहगढ़ किले तक बस या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग: पुणे रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो किले से लगभग 30 किलोमीटर दूर है।
हवाई मार्ग: पुणे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है, जो किले से लगभग 50 किलोमीटर दूर है।
सिंहगढ़ किले की यात्रा करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातें
पानी और भोजन: अपने साथ पर्याप्त पानी और भोजन ले जाएं, क्योंकि किले पर सुविधाएं सीमित हैं।
मौसम: बारिश के मौसम में किले पर जाना खतरनाक हो सकता है।
पहनने योग्य कपड़े: आरामदायक जूते और कपड़े पहनें।
सुरक्षा: किले पर अकेले यात्रा न करें।