आंखों में दिखने वाली ये परेशानी हो सकती हैं हार्ट अटैक का लक्षण, जानिए क्या हो सकते हैं बदलाव

heart Attack

Heart Attack Symptoms: क्या आपको आंखों से धुंधला दिखाई देता है या आंखों में खून का थक्का जम रहा है। अगर ऐसा कुछ है तो इन तकलीफों को बिल्कुल हलके में न लें बल्कि अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। क्योंकि आंखों में आ रहे ये चिंताजनक बदलाव हार्ट अटैक का भी इशारा हो सकते हैं। दिल में कोई तकलीफ होगी तो उसका असर आंखों पर भी नजर आता है। दिल में कोई भी परेशानी होगी तो रेटिना तक खून पहुंचना मुश्किल होगा। जिससे आंखों पर फर्क पड़ेगा, जिसे आप इन लक्षणों से समझ सकते हैं।

आंखों में धुंधलापन

हाई बीपी या शुगर की वजह से आंखों के ब्लड सेल्स भी डैमेज होते हैं। जिसकी वजह से आंखों से धुंधला नजर आने लगता है। नजर धुंधलाने के साथ-साथ अगर सीने में दर्द भी है तो इसका संबंध दिल की किसी तकलीफ से हो सकता है।

खून का थक्का जमना

आंखों के सफेद हिस्से पर अगर लाल-लाल निशान नजर आने लगे तो वो खून का थक्का हो सकता है। इस तरह की परेशानी को हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी कहते हैं। इसकी वजह हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है।

मोतियाबिंद की परेशानी

मोतियाबिंद होने पर भी दिल की कमजोरी का इशारा हो सकता है। कुछ रिसर्च के मुताबिक मोतियाबिंद होने का मतलब है कि हाई बीपी की परेशानी है।

आंखों के नीचे पीलापन

आंखों के नीचे अगर आपको पीलापन लग रहा है तो भी हार्ट चेकअप करा लेना बेहतर होगा। क्योंकि इसकी वजह भी हार्ट अटैक का शुरुआती संकेत हो सकता है।

रेटिना का सिकुड़ना

रेटिना में अगर असामान्य रूप से ड्राईनेस लगने लगे तो ये दिल की बीमारी की वजह से हो सकता है। इसकी वजह से आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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