Back Acne: स्किन की खूबसूरती का हर कोई दीवाना होता है, लेकिन कई बार यही खूबसूरती त्वचा संबंधी दिक्कतों का शिकार हो जाती है। स्किन इंफेक्शन, दाने या पिंपल्स जैसी कॉमन प्रॉब्लम्स तो लगभग सभी को कभी न कभी परेशान करती ही हैं। हेल्दी स्किन केयर रूटीन फॉलो करने के बाद भी कई बार ये दिक्कतें बनी रहती हैं। पीठ पर होने वाले दाने या एक्ने उन्हीं में से एक है। चेहरे की तरह ही पीठ पर भी मुहांसे होना एक आम समस्या है, जो कई कारणों से हो सकती है और इनसे निपटने के लिए घरेलू उपाय काफी कारगर साबित होते हैं। आइए जानते हैं पीठ पर मुंहासे क्यों होते हैं, ये कितने प्रकार के होते हैं और इनसे छुटकारा कैसे पाया जा सकता है।
पीठ पर मुंहासे क्यों होते हैं?
पीठ में तेल ग्रंथियां चेहरे की तुलना में अधिक होती हैं, जिससे रोम छिद्र बंद हो सकते हैं और मुंहासे हो सकते हैं। मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति जैसे हार्मोनल बदलाव तेल उत्पादन को बढ़ा सकते हैं और मुंहासों को बदतर बना सकते हैं। रोम छिद्रों में मौजूद बैक्टीरिया अतिरिक्त तेल और मृत त्वचा कोशिकाओं को तोड़कर मुंहासे पैदा कर सकते हैं। तनाव से हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है, जो तेल उत्पादन को बढ़ा सकता है और मुंहासों को बदतर बना सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कुछ खाद्य पदार्थ, जैसे कि डेयरी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, मुंहासों को बदतर बना सकते हैं। तंग या सिंथेटिक कपड़े पसीने और घर्षण को बढ़ा सकते हैं, जिससे मुंहासे हो सकते हैं।
पीठ के मुंहासे कितने प्रकार के होते हैं?
कॉमेडोन: ये छोटे, सफेद या काले रंग के दाने होते हैं जो रोम छिद्रों में बंद होते हैं।
पप्यूल: ये छोटे, लाल रंग के दाने होते हैं जो सूजन वाले होते हैं।
पस्ट्यूल: ये पप्यूल के समान होते हैं, लेकिन इनके शीर्ष पर मवाद होता है।
नोड्यूल: ये बड़े, लाल रंग के दाने होते हैं जो गहरे त्वचा में सूजन होते हैं।
सिस्ट: ये बड़े, द्रव से भरे हुए दाने होते हैं जो गहरे त्वचा में बनते हैं।
5 घरेलू उपायों से पाएं त्वचा की चमक
1. एलोवेरा: एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंहासों को कम करने और त्वचा को शांत करने में मदद करते हैं। एलोवेरा जेल को सीधे मुंहासों पर लगाएं या एलोवेरा जूस का सेवन करें।
2. नींबू: नींबू में विटामिन सी और एसिड होते हैं जो मुंहासों को सुखाने और बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं। नींबू के रस को पानी में मिलाकर पतला करें और इसे मुंहासों पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद धो लें।
3. शहद: शहद में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मुंहासों को कम करने और त्वचा को हाइड्रेट करने में मदद करते हैं। शहद को सीधे मुंहासों पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें।
4. बेकिंग सोडा: बेकिंग सोडा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं जो मुंहासों को कम करने और त्वचा को एक्सफोलिएट करने में मदद करते हैं। बेकिंग सोडा और पानी का पेस्ट बनाकर इसे मुंहासों पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद धो लें।
5. टी ट्री ऑयल: टी ट्री ऑयल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मुंहासों को कम करने और त्वचा को शांत करने में मदद करते हैं। टी ट्री ऑयल को कैरियर ऑयल (जैसे कि नारियल तेल) के साथ मिलाकर इसे मुंहासों पर लगाएं।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।