Unakoti Rock Carvings: चट्टानों को काटकर बनाई गई रहस्यमयी मूर्तियां, आज भी अनसुलझी है उनाकोटी की कहानी

उनाकोटी में बनी इन मूर्तियों की विशेषता यह है कि यहां के पत्थरों को काटकर बनाई गई हैं। यहां आपको काल भैरव की 30 फीट ऊंची मूर्ति, नंदी, गणेश और दुर्गा की रॉक-कट कार्विंग्स मिलेंगी

Sanjucta Pandit
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Unakoti Rock Carvings : उनाकोटी त्रिपुरा के उत्तरी हिस्से में स्थित एक रहस्यमयी और पवित्र स्थल है, जो भव्य चट्टानों को काटकर बनाई गई मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान भारत के प्रमुख पुरातात्विक और धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां भगवान शिव की विशाल प्रसिद्ध मूर्ति है। इसके अलावा, यहां कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। यहां के मूर्तिकला के बारे में ठीक से न जान पाना आज भी इसे रहस्यमय बनाता है।

Unakoti Rock Carvings: चट्टानों को काटकर बनाई गई रहस्यमयी मूर्तियां, आज भी अनसुलझी है उनाकोटी की कहानी

बता दें कि उनाकोटी में बनी इन मूर्तियों की विशेषता यह है कि यहां के पत्थरों को काटकर बनाई गई हैं। यहां आपको काल भैरव की 30 फीट ऊंची मूर्ति, नंदी, गणेश और दुर्गा की रॉक-कट कार्विंग्स मिलेंगी, जोकि समृद्ध सांस्कृतिक विरासत मानी जाती है। इन मूर्तियों का निर्माण फिलहाल रहस्मय बना हुआ है।

पहली पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह कहानी त्रिपुरा के माणिक्य राजाओं द्वारा बताई गई थी। जिसके अनुसार, भगवान शिव काशी की यात्रा पर थे और उनाकोटी के जंगलों में रातभर ठहरने का निर्णय लिया। उनके साथ 99,99,999 देवी-देवता भी थे। भगवान शिव ने सभी से कहा कि वे सूर्योदय से पहले उठ जाएं, लेकिन अगली सुबह कोई भी समय पर नहीं जागा। क्रोधित होकर शिवजी ने सभी को श्राप देकर पत्थर में बदल दिया। तब से ही ये सभी मूर्तियां उनाकोटी की पहाड़ियों और चट्टानों में आज भी मौजूद हैं।

दूसरी पौराणिक कथा

वहीं, एक अन्य कथा के अनुसार, कालू नाम के एक शिल्पकार जो भगवान शिव के परम भक्त थे, उन्होंने अपनी भक्ति के बल पर भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न किया। वे चाहते थे कि वे उनके साथ कैलाश पर्वत पर रहें। भगवान शिव ने उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि पृथ्वी लोक से किसी भी इंसान के लिए यह संभव नहीं है, लेकिन कालू अपनी जिद पर अड़े रहे। इस पर भगवान शिव ने कालू के सामने एक शर्त रखी। उन्होंने कहा कि यदि कालू एक ही रात में एक करोड़ मूर्तियों को तराश सकते हैं, तो वे उन्हें कैलाश पर्वत पर अपने साथ रहने की अनुमति देंगे। कालू ने भगवान शिव की शर्त को स्वीकार कर लिया और रातभर मेहनत की।

कालू ने 99,99,999 मूर्तियां बना लीं, लेकिन एक मूर्ति कम बन पाई। सुबह होते ही भगवान शिव ने देखा कि एक मूर्ति कम है और शर्त पूरी नहीं हो सकी। इसलिए कालू का सपना अधूरा रह गया और वह उन्हें अपने साथ ना ले जा सके। हालांकि, भगवान शिव के आदेश से वह सभी मूर्तियां वहीं रह गईं।

पर्यटक करते हैं तुलना

पुरातत्व विभाग की मानें तो, Unakoti की मूर्तियां 8वीं से 13वीं शताब्दी के बीच बनाई गई हैं। पर्यटक इसकी तुलना माउंट रशमोर से करते हैं जोकि यूएस के प्रेसिडेंट्स की कार्विंग्स हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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