Recipe: होली के त्योहार को बनाना चाहते हैं स्पेशल, तो इस बार सिंपल नहीं बल्कि बनाएं टेस्टी गुलकंद गुजिया, जानें आसान रेसिपी

Recipe: होली रंगों का त्योहार है और इस त्योहार की मिठास बढ़ाती है गुजिया। अगर आप इस बार कुछ नया और टेस्टी बनाना चाहते हैं, तो ज़रूर बनायें गुलकंद गुजिया। गुलकंद गुजिया बनाने में आसान है और स्वाद में लाजवाब।

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Recipe: गुजिया एक मीठी भारतीय डिश है जो विशेष रूप से होली के त्योहार पर बनाई जाती है। यह मैदा के आटे से बने गहरे तले हुए खस्ता पेस्ट्री का एक रूप है जिसे मावा (सूखे मेवे और चीनी से भरा हुआ) से भरकर बनाया जाता है। गुजिया को भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में उन्हें “पेंगुआ” के नाम से जाना जाता है। गुजिया बनाने की विधि क्षेत्रानुसार थोड़ी भिन्न हो सकती है, लेकिन मूल सामग्री और तरीके समान रहते हैं। आमतौर पर लोग त्योहार के दिन सिंपल गुजिया बनाते हैं, लेकिन आप हर त्यौहार पर सिंपल गुड़िया खाकर बोर हो चुके हैं तो इस बार आप होली के त्यौहार को और भी ज्यादा खास बनाने के लिए सिंपल नहीं बल्कि गुलकंद गुजिया बना सकते हैं। कुरकुरी और मीठी गुलकंद गुजिया बहुत ज्यादा ही स्वादिष्ट लगती है। इसी के साथ चल जान लेते हैं कि गुलकंद गुजिया कैसे बनाई जाती है, तो चलिए जानते हैं।

गुलकंद गुजिया कैसे बनाई जाती है

सामग्री

मैदा – 2 कप
घी – 1/2 कप
पानी – आवश्यकतानुसार
मावा/खोया – 2 कप
गुलकंद – 1/2 कप
मीठी सौंफ – 2 बड़े चम्मच
सूखा नारियल – 2 टेबल स्पून
इलायची – 4-5 (पिसी हुई)
तेल – तलने के लिए

विधि

1. एक बर्तन में मैदा और घी डालकर अच्छी तरह मिक्स करें।

2. थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर नरम आटा गूंथ लें।आटे को 20 मिनट के लिए ढककर रख दें।

3. एक कढ़ाई में मावा डालकर धीमी आंच पर भून लें।

4. मावा भुनने के बाद उसमें गुलकंद, मीठी सौंफ, सूखा नारियल और इलायची डालकर अच्छी तरह मिक्स करें।

5. आटे की लोई बनाकर पतली पूरी बेल लें।

6. पूरी के बीच में मावा का मिश्रण रखकर किनारों को मोड़कर बंद कर दें।

7. गुजिया को तेल में सुनहरा होने तक तल लें।

8. तैयार गुजिया को ठंडा होने दें और फिर चीनी के पाउडर में लपेटकर सर्व करें।

इन टिप्स का रखें ध्यान

  • गुजिया को कुरकुरा बनाने के लिए, आप थोड़ा सा सूजी आटे में मिला सकते हैं।
  • गुजिया को तलते समय तेल का तापमान मध्यम रखें।
  • गुजिया को एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करके 2-3 हफ्तों तक रख सकते हैं।

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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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