जानें महिलाओं को क्यों होता है ज्यादा Stress? दिखाई देते हैं ये 6 लक्षण

Stress: तनाव आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी का एक आम हिस्सा बन गया है। महिलाएं, खासकर कामकाजी महिलाएं और घर संभालने वाली महिलाएं, अक्सर पुरुषों की तुलना में अधिक तनाव का अनुभव करती हैं। जब महिलाओं में तनाव हार्मोन (जैसे कोर्टिसोल) का स्तर बढ़ता है, तो यह उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

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Stress: आज के भागदौड़ भरे जीवन में, खुशी किसी बेशकीमती खजाने से कम नहीं है। चेहरे पर मुस्कान और दिल में सुकून, ये वो चीजें हैं जिनकी कीमत अदा नहीं की जा सकती। यह सच है कि आजकल हर कोई किसी न किसी बात को लेकर तनाव में है। नौकरी, परीक्षा, या घर-परिवार की चिंताएं, ये सब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। लेकिन, अगर यह तनाव लंबे समय तक रहता है और इसका असर हमारी सेहत और रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने लगता है, तो यह चिंता की बात है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव एक आम बात हो गई है। खासकर महिलाओं पर इसका असर ज्यादा होता है। कामकाजी महिलाएं और घर संभालने वाली महिलाएं, अक्सर पुरुषों की तुलना में अधिक तनाव का अनुभव करती हैं। जब महिलाएं तनाव में होती हैं, तो उनके शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। यह हार्मोन महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिसका सीधा असर उनके पीरियड्स पर पड़ता है।

जानें महिलाओं को क्यों होता है ज्यादा Stress?

इरेगुलर पीरियड्स

महिलाओं के जीवन में पीरियड्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हर महीने, एक महिला का शरीर गर्भावस्था के लिए तैयार होता है, और यदि गर्भधारण नहीं होता है, तो रक्त और ऊतक योनि से बाहर निकल जाता है, जिसे मासिक धर्म या पीरियड्स कहा जाता है। पीरियड्स को नियंत्रित करने के लिए, शरीर में कई हार्मोन का स्तर सही होना चाहिए। इनमें से कई हार्मोन मस्तिष्क से जारी होते हैं। अधिक तनाव के कारण, ये हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं। शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने पर, महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। कई बार पीरियड्स पूरी तरह से बंद भी हो सकते हैं और ब्लीडिंग भी प्रभावित हो सकती है।

एक्ने और पिम्पल

एक्ने एक आम त्वचा समस्या है जो किशोरों और वयस्कों दोनों को प्रभावित करती है। यह तब होता है जब त्वचा के रोमछिद्र अतिरिक्त तेल और मृत त्वचा कोशिकाओं से बंद हो जाते हैं, जिससे बैक्टीरिया पनपते हैं और सूजन पैदा करते हैं। जबकि कई कारक एक्ने में योगदान कर सकते हैं, तनाव एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब आप तनाव में होते हैं, तो आपका शरीर अधिक कोर्टिसोल नामक हार्मोन का उत्पादन करता है। कोर्टिसोल तेल उत्पादन को बढ़ा सकता है और त्वचा की प्राकृतिक बाधा को कमजोर कर सकता है, जिससे बैक्टीरिया के लिए संक्रमण करना आसान हो जाता है।

तनाव का बोझ

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाओं पर तनाव का बोझ अक्सर ज्यादा होता है। कामकाजी महिलाएं, घर संभालने वाली महिलाएं, और कई जिम्मेदारियां निभाने वाली महिलाएं अक्सर पुरुषों की तुलना में अधिक तनाव का अनुभव करती हैं। यह तनाव सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। महिलाओं में, तनाव का एक आम परिणाम है पेट की चर्बी का बढ़ना। तनाव से कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है।

बालों का झड़ना

आजकल बालों का झड़ना एक आम समस्या बन गई है। युवा और वृद्ध, पुरुष और महिलाएं, सभी इस समस्या से परेशान हैं। अक्सर लोग यह सोचते हैं कि बालों का झड़ना केवल खराब आनुवंशिकी या खराब हेयर केयर प्रोडक्ट्स के कारण होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तनाव भी बालों के झड़ने का एक प्रमुख कारण हो सकता है? जब आप तनाव में होते हैं, तो आपका शरीर अधिक कोर्टिसोल नामक हार्मोन का उत्पादन करता है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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भावना चौबे

भावना चौबे

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