आखिर पूर्वी भारत का राज्य क्यों कहलाता है ‘पश्चिम बंगाल’? बेहद दिलचस्प है जवाब!

इसका जवाब पता होना सामान्य ज्ञान के लिहाज से भी जरूरी है। अक्सर ऐसे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछ लिए जाते हैं। इसलिए इसका कारण अवश्य जानिए।

भारत का इतिहास, यहां की संस्कृति रीति रिवाज खान-पान बाकी अन्य देशों से काफी अलग है, जो इसे अनोखा बनाता है। विश्व भर के लोग यहां के स्थानीय कल्चर को नजदीक से जानने के लिए आते हैं। अपने साथ बहुत सारे राज समेटे हर राज्य की अपनी अलग-अलग कहानी है। सभी का अलग-अलग महत्व भी है। कुछ राज्य पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है, तो कुछ राज्य नदियों के लिए जाना जाता है। कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां पढ़ाई के लिए छात्रों का जमावड़ा रहता है, तो कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां नौकरी के की तलाश में सभी जाते हैं। इन्हीं में से एक राज्य का नाम पश्चिम बंगाल (West Bengal) है।

भारतीय नक्शा को यदि देखा जाए, तो यह दिशा में पूर्व की ओर स्थित है। फिर भी इसका नाम पश्चिम बंगाल रखा गया है। इसका कारण बहुत सारे लोग आज भी नहीं जानते होंगे।

जानें जवाब

हालांकि, पूर्व में बसा होने के कारण इसे पूर्वी बंगाल कहना चाहिए था, लेकिन यह पश्चिम बंगाल के रूप में जाना जाता है। आखिर इसके पीछे की वजह क्या है। इसका जवाब पता होना सामान्य ज्ञान के लिहाज से भी जरूरी है। अक्सर ऐसे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछ लिए जाते हैं। इसलिए इसका कारण अवश्य जानिए।

ऐसे पड़ा नाम

दरअसल, इसका जवाब इतिहास के पन्नों में छिपा हुआ है। जैसा कि हम सभी जानते 1947 में भारत को अंग्रेजी शासन से आजादी मिली थी। उस दौरान बंगाल दो हिस्सों में बट गया, जो पूरब की तरफ था उसे पूर्वी बंगाल कहा गया और जो पश्चिम की ओर पड़ा उसे पश्चिम बंगाल कहा गया। पूर्वी बंगाल बाद में पूर्वी पाकिस्तान बना जो 1971 में अलग होकर बांग्लादेश बन गया। वहीं, जो हिस्सा भारत में रहा उसे पश्चिम बंगाल के रूप में आज भी जाना जाता है।

अंग्रेजों ने अपनाई ये नीति

बंटवारे से पहले बंगाल बहुत बड़ा राज्य हुआ करता था, लेकिन अंग्रेजों ने फूट डालो और राज करो की नीति को अपनाया और साल 1905 में बंगाल को दो हिस्सों में बांट दिया। लोगों ने जब इसका विरोध किया, तो 1911 में बंगाल को फिर से जोड़ा गया, लेकिन आजादी के बाद इसका पश्चिमी हिस्सा भारत में रह गया तब से इसे पश्चिम बंगाल ही कहा जाता है।

इतिहास

बंगाल का इतिहास करीब 4000 साल पुराना माना जाता है। यहां एक से बढ़कर एक घूमने फिरने वाले स्थान है, जहां भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर से लोग पहुंचते हैं। यहां का खान-पान और संस्कृति इसे बाकी राज्यों से अलग बनाती है। यहां की राजकीय भाषा बंगाली है। यहां के खान-पान को पूरे देशभर में पसंद किया जाता है। यहां मां दुर्गा और मां काली की खास पूजा-अर्चना की जाती है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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