Fascinating facts about dreams : हम सब सपने देखते हैं। सोते हुए भी और जागृत अवस्था में भी। आज वर्ल्ड ड्रीम डे भी है जो जागते हुए देखे गए सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। हर व्यक्ति की अपने जीवन में कोई लक्ष्य या इच्छा होती है जिसे हम उसके सपने कहते हैं। आज का दिन उन्हीं सपनों को और उन्हें पूरा करने के पुरुषार्थ को समर्पित है।
लेकिन जब बात हो सपनों की..तो हम उस स्वप्नलोक को कैसे भूल जाएं जिसकी सैर पर हर रात निकल पड़ते हैं। वो दुनिया..जो रहस्यों से भरी हुई है। कई बार हम कुछ ऐसा देखते हैं जो हमारे चेतन-अवचेतन मन में होता है और कई बार कुछ ऐसा जिससे ख़ुद ही अचरज में पड़ जाते हैं।
सपनों का रहस्यमयी संसार
सपनों की दुनिया बड़ी मायावी है। आज भी लोग इसके रहस्य जानने को उत्सुक रहते हैं। कई संस्कृतियों और समाज में सपनों को लेकर अलग अलग तरह की व्याख्या की गई है। हमारे यहां भी स्वप्नशास्त्र में सपनों को लेकर कई तरह की बातें बताई गई हैं। वहीं विज्ञान और मनोविज्ञान ने भी लंबे अध्ययन और कई रिसर्च के बाद सपनों के बारे में कई रोचक तथ्य बताए गए हैं। तो आज, विश्व स्वप्न दिवस पर हम आपके लिए सपनों से जुड़ी कुछ ऐसी ही रोचक जानकारियां लेकर आए हैं।
1. सपनों का विज्ञान
सपने मस्तिष्क के REM (Rapid Eye Movement) चरण में होते हैं, जब मस्तिष्क बहुत सक्रिय होता है। इस समय मस्तिष्क का कई हिस्से, विशेष रूप से लिम्बिक सिस्टम जो भावनाओं और यादों से जुड़ा होता है, काफी सक्रिय होता है। हालांकि, प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (जो तर्कसंगत सोच और निर्णय लेने में मदद करता है) निष्क्रिय होता है, इसलिए सपने अक्सर अजीब और असंगत भी हो सकते हैं।
2. सपनों का उद्देश्य
मनोवैज्ञानिक सपनों को विभिन्न दृष्टिकोणों से देखते हैं। सिगमंड फ्रायड के अनुसार, सपने दबी हुई इच्छाओं और आंतरिक संघर्षों का प्रतीक होते हैं। वहीं, आधुनिक वैज्ञानिक इसे मस्तिष्क की यादों और अनुभवों को संसाधित करने की प्रक्रिया मानते हैं।
3. लूसिड ड्रीमिंग
लूसिड ड्रीमिंग एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें व्यक्ति सपने में होते हुए यह जानता है कि वह सपना देख रहा है और वह सपने को नियंत्रित भी कर सकता है। यह कई व्यक्तियों में एक अनूठी अनुभव होता है।
4. सपनों के सामान्य प्रकार
अध्ययन बताते हैं कि कुछ सपने आमतौर पर सभी लोगों को आते हैं, जैसे कि गिरने, उड़ने, किसी चीज़ का पीछा किए जाने या सार्वजनिक रूप से नग्न होने का सपना। यह मानवता के सामान्य भय और अनुभवों से जुड़े होते हैं।
5. सपनों को भूलने की प्रवृत्ति
अधिकांश लोग अपने सपनों का एक बड़ा हिस्सा भूल जाते हैं। जागने के बाद 5 मिनट के अंदर ही हम लगभग 50% सपने भूल जाते हैं और 10 मिनट में 90%। यह मस्तिष्क की संरचनात्मक सीमाओं और कार्यों का परिणाम होता है।
6. सपने और मानसिक स्वास्थ्य
अध्ययन बताते हैं कि सपने हमारे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े होते हैं। जिन लोगों को चिंता या अवसाद होता है, उनके सपने अक्सर नकारात्मक और परेशान करने वाले होते हैं। वहीं प्रसन्नचित्त लोगों के सपने भी उनकी भावनाओं को प्रतिबिंबित करते हैं।
(डिस्क्लेमर : ये लेख सामान्य जानकारियों पर आधारित है। हम इसे लेकर कोई दावा नहीं करते हैं।)