भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का जहरीला कचरा आज सुबह 5:00 बजे पीथमपुर के आशापुर गांव स्थित फैक्ट्री पहुंचा दिया गया। इस कचरे को लेकर बीते दिन रात 9:00 बजे भोपाल से 12 कंटेनर रवाना हुए थे। प्रत्येक कंटेनर में दो-दो ड्राइवर तैनात किए गए थे। सभी कर्मचारियों को पीपीई किट पहनाकर पूरी सुरक्षा के साथ भेजा गया था। बता दें कि इस कचरे को भरने में तीन दिन का समय लगा। कुल 337 मेट्रिक टन कचरे को बुधवार रात 9:00 बजे पीथमपुर के लिए रवाना किया गया और आज सुबह 5:00 बजे यह फैक्ट्री में पहुंच गया।
कचरे को फैक्ट्री लाने के दौरान ट्रकों की स्पीड 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई थी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रकों के आगे और पीछे पुलिस वाहन चल रहे थे। इसके अलावा, रास्ते में जगह-जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई थी। हालांकि, कंटेनरों को रात 1:30 बजे तक पीथमपुर पहुंचना था, लेकिन धुंध और कोहरे की वजह से देरी हुई और ये सुबह 5:00 बजे फैक्ट्री पहुंचे।
सफलता पूर्वक पीथमपुर की फैक्ट्री पहुंचा जहरीला कचरा
बता दें कि यह जहरीला कचरा 5,000 से अधिक मौतों का कारण बन चुका है। इस कचरे में प्लांट की मिट्टी, रिएक्टर के अवशेष, कीटनाशक अवशेष, नेफ्थॉल (जिससे गैस रिसाव हुआ था), सेमी-प्रोसेस पेस्टिसाइड्स और अन्य खतरनाक अपशिष्ट शामिल हैं। दरअसल हाई कोर्ट के आदेश पर इस कचरे को भोपाल से पीथमपुर भेजा गया है। हालांकि, इस खतरनाक अपशिष्ट को लेकर पीथमपुर के स्थानीय निवासियों ने आंदोलन तेज कर दिया है। गुरुवार को दोपहर 12:00 बजे महाराणा प्रताप बस स्टेशन पर विरोध में एक रैली का आयोजन किया गया है। वहीं, शुक्रवार को पीथमपुर बंद करने का आह्वान किया गया है। प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है। कंटेनरों को पीथमपुर पहुंचाने के दौरान 100 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी ताकि किसी प्रकार की अफवाह न फैले और कानून व्यवस्था में बाधा न आए।
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— MP Breaking News (@mpbreakingnews) January 2, 2025
3 जनवरी को हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेगी सरकार
भोपाल में कचरे को कंटेनरों में भरने की प्रक्रिया रविवार दोपहर को शुरू की गई थी। चार दिनों में 337 मेट्रिक टन कचरे को पैक किया गया और मंगलवार रात को इसे कंटेनरों में लोड किया गया। बुधवार रात 9:00 बजे यह कचरा भोपाल से रवाना हुआ। इस कचरे को पीथमपुर की रामकी एनवायरमेंट कंपनी में नष्ट किया जाएगा। 3 जनवरी को सरकार हाई कोर्ट में इस प्रक्रिया की रिपोर्ट पेश करेगी। हाई कोर्ट ने 6 जनवरी तक जहरीले कचरे को हटाने का निर्देश दिया था। नीले रंग के कंटेनरों में ले जाए गए इस कचरे को बेहद सावधानीपूर्वक फैक्ट्री तक पहुंचाया गया। कंटेनरों पर “खतरनाक अपशिष्ट” लिखा हुआ था। रास्ते में ट्रकों की धीमी गति के कारण समय लगा। कंटेनरों के साथ पुलिस बल, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की टीमें भी मौजूद थीं।