Tue, Dec 23, 2025

MP Board Paper Leak मामले में बनाई गई 6 सदस्यीय जांच कमेटी, टेलीग्राम चैनल के खिलाफ FIR दर्ज

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
Last Updated:
MP Board Paper Leak मामले में बनाई गई 6 सदस्यीय जांच कमेटी, टेलीग्राम चैनल के खिलाफ FIR दर्ज

MP Board Paper Leak Case: मध्य प्रदेश के स्कूलों में इन दिनों बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है और इस बीच 10वीं और 12वीं के पेपर लगातार लीक होने की खबरें सामने आ रही है। बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत 1 मार्च से हो गई है जिसके बाद हिंदी, अंग्रेजी समेत अन्य विषयों के पेपर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए छात्र छात्राओं को मिलने की जानकारी सामने आ रही है।

परीक्षा शुरू होने से 50 मिनट पहले स्टूडेंट्स को पेपर मिल रहे हैं जबकि बोर्ड की परीक्षाओं में पेपर थाने के अंदर सीलबंद और ताला बंद डिब्बे में रखे होते हैं। परीक्षा शुरू होने के 1 घंटे पहले इन्हें परीक्षा केंद्र पर पहुंचाया जाता है। पेपर लीक की जो खबर सामने आ रही है वह कहीं ना कहीं छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ है।

MP Board Paper Leak मामले में बनी जांच कमेटी

इस मामले को देखते हुए अब माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 6 सदस्य कमेटी बनाई है। कमेटी जांच पड़ताल कर यह पता करेगी कि पेपर लीक मामले में किन लोगों का हाथ है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं जिस टेलीग्राम चैनल के जरिए यह पेपर लीक किए जा रहे हैं उसके खिलाफ क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है।

 

यहां जानें पूरा मामला

प्रदेश के स्कूलों में चल रही बोर्ड परीक्षाओं के बीच लगातार पेपर वायरल हो रहे हैं। 1 मार्च से शुरू हुई इन परीक्षाओं के पेपर 299 रुपए में ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं। 1 मार्च को दसवीं का हिंदी का पहला पेपर था जो 1 दिन पहले ही बच्चों को मिल चुका था। इसके बाद 11 मार्च को दसवीं का गणित का पेपर भी परीक्षा से 21 मिनट पहले लीक हुआ।

इसी तरह 12वीं का हिंदी, अंग्रेजी और बायोलॉजी का पेपर भी टेलीग्राम के जरिए बेचने की जानकारी सामने आ रही है। 2 मार्च को हिंदी और 4 मार्च को हुए अंग्रेजी का पेपर परीक्षा से पहले लीक हुआ है और उसके सॉल्व भी सोशल मीडिया पर वायरल किए गए हैं।

क्या बोले शिक्षा मंत्री

पेपर लीक मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान सामने आया है। जिसमें उनका कहना है कि वायरल हुए पेपर का वास्तविक पेपर के साथ मिलान किया गया है और संदिग्ध लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।

मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया था कि पहले राउंड की शिकायत के बाद जांच करवाई गई थी लेकिन वास्तविक पेपर और वायरल पेपर में अंतर था। उन्होंने कहा कि कोई गिरोह है जो बच्चों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है और लेन-देन कर जानकारी पर लाने की बात भी सामने आई है। उन्होंने कहा कि हम पुलिस से लगातार बातचीत कर रहे हैं और हर एक पॉइंट पर बारीकी से जांच की जा रही है संदिग्धों को बख्शा नहीं जाएगा।