भोपाल/ बैतूल, डेस्क रिपोर्ट। बैतूल जिला जेल में गत दिनों एसिड पीकर आत्महत्या का प्रयास करने वाले दो कैदियों में से एक ने भोपाल में ईलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। हालत गंभीर होने पर दोनों को जिला अस्पताल से भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज रैफर किया गया था। मौत से पहले कैदी ने जेल प्रबंधन पर शारीरिक और मानसिक रुप से प्रताडि़त करने का गंभीर आरोप लगाया था।
दरअसल बीती 21 अक्टूबर को जिला जेल में दो कैदियों मंटू शंकर और बृजेश मालवी ने टॉयलेट क्लीनर पीकर आत्महत्या का प्रयास किया था। दो कैदियों के एसिट पीने के बाद जेल प्रबंधन में हडक़ंप मच गया था। प्रारंभिक ईलाज के दौरान दोनों ने जेल के अंदर कैदियों को परेशान करने और प्रताडि़त करने का आरोप लगाया था। हालत गंभीर होने पर जब दोनों को भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज रैफर किया गया, उस दौरान मृतक कैदी मंटू ने प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि जेल में बहुत ज्यादा प्रताडि़त किया जाता था। उसे नंगा करके मारा जाता था। एक बार उसे इतना मारा था कि वह तीन दिन तक एक तरफ से सो नहीं सका था। दूसरे कैदी ब्रजेश ने भी कहा था कि जेल में खराब खाने को लेकर शिकायत करने पर बैरक से निकालकर पीटा जाता है। इतना ही नहीं कैदियों के कपड़े उतार कर उन्हें कटहल के पेड़ पर बांध कर पीटा जाता है। हालांकि जेल प्रबंधन शुरू से ही इन आरोपों को नकारता आ रहा है। अब तक इस मामले में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन अब कैदी की मौत के बाद जेल प्रबंधन की लापरवाही और कैदियों के साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार को लेकर सवाल उठ रहे हैं।