अवैध रेत उत्खनन पर शिकायत के बाद कार्रवाई शुरू,प्रशासन ने पनडुब्बी में लगाई आग

Gaurav Sharma
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अशोकनगर,हितेंद्र बुधौलिया। एक दिन पहले भले ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अवैध रेत उत्खनन करने वालों पर कार्रवाई की बात अधिकारियों के बीच कहीं हो। मगर अशोकनगर जिले में अधिकारियों की नाक के नीचे धड़ल्ले से जिले की तीन चार नदियों में करीब 40 से अधिक जगहों पर अवैध तरीके से पंडुब्बियों के जरिये नदियों से रेत निकाली जा रही है। महीनों से चल रहा अवैध उत्खनन का कारोबार आज जैसे ही जनसुनवाई में शिकायत के लिए पहुंचा और मीडिया में इस गोरखधंधे की खबरे चलनी शुरू हुई तो आनन-फानन में कुछ स्थानों पर प्रशासन ने कार्रवाई की है। मुंगावली क्षेत्र के बहादुरपुर के आसपास कुछ घाटों पर प्रशासन ने रेत निकालने वाली मशीनों को आग भी लगा दी है।

अशोकनगर जिले की मुंगावली में बेतवा केथन एवं ओर नदियों में रेत निकालने का अबैध कार्य चल रहा था। रेत माफिया एवं दबंग लोग खुलेआम नदी के घाटों पर वोट के माध्यम से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रॉली बजरी की बेच रहे है। एक अनुमान के अनुसार बजरी से भरी एक ट्रॉली 3000 से 3500 रु के आसपास बेची जा रही है। आज जनसुनवाई में बहादुरपुर क्षेत्र के कई गांव के लोग या पहुंचे और उन्होंने प्रशासन से शिकायत की है कि उनके खेतों से यह दबंग जबरन बजरी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली निकाल ले जाते हैं, जिससे उनकी फसल को नुकसान होता है। मना करने पर यह गुंडई करते हैं और बंदूक की नोक पर अपने काम को अंजाम देते रहते हैं।

जिला खनिज अधिकारी का कहना है कि उनके पास भी इस तरह की कई शिकायतें आई हैं। उनका कहना है कि कुछ अन्य स्थानों पर ठेकेदार को खदानें स्वीकृत तो की गई है। मगर उन स्थानों के अलावा भी कई जगह रेत निकालने की शिकायत मिली है । नियम अनुसार किसी भी नदी में पनडुब्बियों के द्वारा रेत नहीं निकाली जा सकती। मुंगावली एवं बहादुरपुर में मिलीभगत से चल रहे इस अवैध उत्खनन की जिला स्तर पर पहुंची शिकायत के बाद मुंगावली एसडीएम एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ घाटों पर छापामार कार्रवाई की है।जिसमे कुछ पनडुब्बियों को आग के हबाले कर दिया है जिससे रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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