आगर-मालवा।
इस साल का विधानसभा चुनाव ना सिर्फ कांग्रेस के लिए बल्कि भाजपा के लिए चुनौती बन रहा है। विकास ना होने पर जनता में आक्रोश व्याप्त हो गया है। जिसके चलते आए दिन प्रत्याशियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कही ग्रामीणों द्वारा नेताओं को खदेड़ा जा रहा है, तो कही पोस्टर-पेम्पलेट लगाए जा रहे है। ऐसे में सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में विरोध का पारा सामान्य से पार हो चुका है। यहां विकास नहीं होने से मतदाता इस कदर गुस्सा है कि कोई प्रत्याशी भी यहां आने की हिम्मत नही जुटा पाया है।
दरअसल, सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में एक बिसनी गांव आता है, जिसकी आबादी 750 है और 473 मतदाता हैं। जिले के बिसनी गांव के ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। इसके लिए ग्रामीणों ने बाकायदा गांव के बाहर बैनर भी लगा दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि नलखेडा क्षेत्र के गोठडा गांव में 4 हजार करोड़ की लागत से बने कुण्डालिया बांध परियोजना डूब क्षेत्र के अंतर्गत आया था, गांव का सर्वे करवाकर मुआवजा सूची भी बनाई गई थी, लेकिन अभी तक उनको मुआवजा नहीं दिया गया है, जिसके कारण विकास कार्य रुके हुए है। इसके लिए कई बार शासन-प्रशासन से गुहार भी लगा चुके है,लेकिन कोई लाभ नही मिला। ग्रामीणों के आक्रोश के डर से अभी तक कोई भी प्रत्याशी इस गांव में वोट मांगने नहीं गया।
ऐसा रहा है इस सीट का इतिहास
मध्य प्रदेश की सुसनेर विधानसभा सीट शाजापुर जिले के अंतर्गत आती है। यह पाटीदार बाहुल्य इलाका है। यहां पर राजपूत समाज के लोगों की भी संख्या अच्छी खासी है। यहां पर कुल 20 लाख 88 हजार मतदाता हैं। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला होता आया है। फिलहाल इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। बीजेपी के मुरलीधर पाटीदार यहां के विधायक हैं।इस सीट पर अब तक 13 चुनाव हुए हैं। इसमें से 5 बार बीजेपी और 3 बार कांग्रेस को जीत मिली है। बीते तीन चुनावों से इस सीट पर बीजेपी ही जीतती आ रही है। लेकिन इस बार बीजेपी की राह कठिन है। चुंकी विकास कार्यो ना होने के कारण मतदाताओं में आक्रोश है, जो विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।