अस्थमा लाइफ सेविंग ‘Aminophylline Injection’ पर पूरे प्रदेश में लगाया गया बैन, जानिए क्या है इसकी वजह

Aminophylline Injection जो कि अस्थमा के उपचार में इस्तेमाल होने वाला सबसे जरूरी इंजेक्शन है, अब इसके उपयोग पर पूरे प्रदेश में बैन लगा दिया गया है।

Rishabh Namdev
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मध्य प्रदेश में अस्थमा के मरीजों के लिए एक गंभीर परेशानी उभरकर सामने आई है। दरअसल अस्थमा के उपचार में इस्तेमाल होने वाले जरूरी Aminophylline Injection की गुणवत्ता में गंभीर खामियां पाई गई हैं। जिसके चलते पूरे प्रदेश में इस इंजेक्शन के इस्तेमाल पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया गया है। जानकारी के अनुसार इस फैसले से चिकित्सा क्षेत्र में हलचल मच गई है और स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर नए सवाल खड़े हो गए हैं।

दरअसल मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPPHSCL) ने 30 अगस्त को देवास के एसोसिएट सुपरिंटेंडेंट द्वारा एमिनोफिलिन 25 mg/IP इंजेक्शन 10 ml वायल के सैंपल्स की गुणवत्ता को लेकर की गई शिकायत के बाद इस इंजेक्शन पर प्रतिबंध लगा दिया।

जानिए किसके द्वारा किया जा रहा था सप्लाई

जानकारी के अनुसार यह इंजेक्शन मार्टिन एंड ब्राउन बायो साइंस कंपनी द्वारा सप्लाई किया गया था। वहीं शिकायत में बताया गया है, कि इंजेक्शन के बैच संख्या MA23F66, जिसका निर्माण जून 2023 में हुआ था और एक्सपायरी मई 2025 थी, की गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई है।

यह इंजेक्शन अस्थमा के मरीजों के लिए सुरक्षित और प्रभावी नहीं

वहीं भोपाल स्थित प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण के बाद इंजेक्शन की गुणवत्ता को असंतोषजनक घोषित किया गया। जानकारी के अनुसार जांच में यह सामने आया कि यह इंजेक्शन अस्थमा के मरीजों के लिए सुरक्षित और प्रभावी नहीं था। वहीं इस निष्कर्ष के आधार पर MPPHSCL ने प्रदेश के सभी डीन, सुपरिंटेंडेंट, सीएमएचओ, और सिविल सर्जन को इस इंजेक्शन का उपयोग तत्काल रोकने का आदेश जारी किया है। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि किसी अस्पताल में इस बैच के इंजेक्शन उपलब्ध हैं, तो उनका उपयोग तुरंत बंद कर दिया जाए।

दबा बाजार में मची हलचल

इस घटना के बाद प्रदेश के दबा बाजार में भी हलचल मच गई है। इंदौर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने कहा, “लगातार सैंपल्स का फेल होना चिंता का विषय है, और इसे लेकर दवा बाजार में बैठक बुलाई गई है।”

महासंघ ने की कड़ी सजा की मांग

वहीं मध्य प्रदेश स्वशासी चिकित्सा महासंघ के संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने कहा है कि, “महासंघ ने यह मांग की है कि सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाइयों की आपूर्ति के मामले में दोषियों को आजीवन कारावास की सख्त सजा दी जाए और इस घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए।”


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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