अनूपपुर।अनीश तिगाला।
दिल्ली में हाईकमान द्वारा बिसाहू लाल सिंह को मंत्री पद के मामले में गो बैक कहने के बाद अनूपपुर के कांग्रेसियों में जबरदस्त विरोधाभास है| उनकी मांग है कि है कि बिसाहुलाल को तुरंत ही मंत्री पद दे दिया जाए ताकि उनकी दाल गलना शुरू हो जाए । जिले भर में पिछले नगर पंचायत , नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस को ना जीता पाने वाले जिला अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल जिले भर के 3 विधानसभा सीटों की जीत पर अपनी बांह ऊँची कर रहे हैं और आज जारी किए गए प्रेस नोट से यह लगता है कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने कांग्रेस व सरकार के खिलाफ बिसाहुलाल को मंत्री बनवाने के लिए ब्लैकमेलिंग करना शुरू कर दिया हैं । जिले में कही भी कांग्रेस के मैदानी कार्यकर्ताओं में बिसाहुलाल को मंत्रिमंडल में शामिल न करने की मायूसी सरकार के खिलाफ नही दिखती । बल्कि मायूसी उन कांग्रेसियों में जरूर है जो सड़क, बिजली पानी, भवन निर्माण के ठेकेदार है जिन्हें बिसाहुलाल के मंत्री बनने से व्यक्तिगत लाभ है ।
कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिरा
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने 2 जनवरी बुधवार को होटल गोविंदा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों से कहा कि अनूपपुर जिले के द्वारा विधानसभा शत-प्रतिषत सीट कांग्रेस को जिताकर प्रदेश में मंत्री मंडल में अपना पुख्ता दावां पेश किया था, परंतु पार्टी द्वारा जिले के किसी भी विधायक को मंत्री मंडल में शामिल न करने से जिले में निराशा का वातावरण है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा शहडोल संसदीय क्षेत्र में 21 हजार से अधिक मतों से कांग्रेस बढ़त है | जबकि वास्विकता तो यह है कि पिछले चुनाव में इतनी बढ़त तो एक ही विधान सभा मात्र पुष्पराजगढ़ में थी और इस बार तो यह बढ़त तीन गुनी होनी चाहिये थी । अगर रिकार्ड उठा कर देखा जाए तो पिछले विधान सभा चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिरा है|
विधानसभा जीतने से भरा अहंकार
म.प्र. में कांग्रेस की सरकार बनने में अनूपपुर जिले का अपना महत्वपूर्ण स्थान होना जिला अध्यक्ष बता रहे है| अनूपपुर जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्र कोतमा, अनूपपुर, राजेन्द्रग्राम से कांग्रेस के प्रत्याषियों के विजयी होने से कांग्रेस बहुमत में पहुॅची है। शहडोल संभाग के तीन जिलों उमरिया, शहडोल, में कोई भी कांग्रेस प्रत्याशी विजयी नहीं हो सका। जबकि तीसरा जिला अनूपपुर के तीनो सीटे कांग्रेस की झोली में गई थी। इसी प्रकार विंध्य क्षेत्र के सतना जिले से 2 एवं सीधी जिले से 1 सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी विजयी हुए। इस प्रकार विंध्य क्षेत्र के 29 सीटों में मात्र 6 सीट जिसमें अनूपपुर जिले की शत-प्रतिषत 3 सीट से कांग्रेस विजयी हुई है और इस तरह से कहना जिला अध्यक्ष का अहंकारी होना दर्शाता है।
अपने ही मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप
पत्रकार वार्ता में वितरित की गई प्रेस ब्रीफ में जिला अध्यक्ष जयप्रकाष अग्रवाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा कि है कि शहडोल संसदीय क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य लोकसभा क्षेत्र है जिसमें 4 जिलों के 8 विधानसभा क्षेत्र आते है जिसमें 7 विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है एक विधानसभा क्षेत्र सामान्य वर्ग हेतु आरक्षित है। जहां से अनूपपुर जिले के तीन सीटो में दो आदिवासी सीट है और वहां वरिष्ठ नेता बिसाहूलाल सिंह विधायक है उन्हे मंत्री मंडल में शामिल न करना कहीं नहीं कहीं ऐसा लगता है कि प्रदेष की कमलनाथ सरकार आदिवासियों की उपेक्षा कर रही है।
विकास का पहिया रुकने की धमकी
प्रेस विज्ञप्ति में जयप्रकाश अग्रवाल ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार में शहडोल संभाग का प्रतिनिधित्व मंत्री मंडल न होने से इस संभाग में विकास कार्यो को गति प्रदान करने में निष्चिय ही रूकावट आयेंगी। इससे स्पष्ट है कि जिला अध्यक्ष को अपनी कांग्रेस सरकार पर भरोसा नहीं है जिला अध्यक्ष को यह लग रहा है कि अगर बिसहुलाल मंत्री बन जाएंगे तो उन्हें जादू की छड़ी मिल जाएगी और अनूपपुर में पूरा विकास मंत्री पद बनने के बाद ही हो सकेगा । कुल मिलाकर के जिला अध्यक्ष यह बताना चाहते हैं चाहते कि अगर बिसहुलाल को मंत्री पद नहीं दिया गया तो जिले का विकास रुक जाएगा|
लोकसभा चुनाव को लेकर ब्लैकमेलिंग
बिसाहू लाल को मंत्री पद न मिलने के बाद जिलाध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव को लेकर के ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी है| एक सवाल के जवाब में जिला अध्यक्ष जयप्रकाष अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान शहडोल संसदीय क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य लोकसभा क्षेत्र है | जिसमें 4 जिलों के 8 विधानसभा क्षेत्र आते है जिसमें 7 विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है | एक विधानसभा क्षेत्र सामान्य वर्ग हेतु आरक्षित है और इन 8 सीटों में 4 सीटे जीतकर शहडोल संसदीय क्षेत्र के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने प्रदेष में कांग्रेस सरकार बनाने का मार्ग प्रषस्त किया और हम मतों के अनुसार से लगभग 21 हजार से अधिक मतों से भाजपा से आगे है अगर बिसाहूलाल को मंत्री बनाया जाता है तो निष्चित ही 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में शहडोल संसदीय क्षेत्र में हमारी जीत पक्की होगी। अन्यथा कार्यकर्ताओं और संसदीय क्षेत्र की जनता में निराषा का महौल है जिससे आगामी होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के अंदेशा से इंकार नहीं किया जा सकता। कुल मिलाकर यह कहा जाए कि अगर बिसहुलाल को मंत्री पद नहीं दिया गया तो यहाँ के कांग्रेसी लोकसभा चुनाव के लिए काम नहीं करेंगे और निराशा जनक परिणाम आने की संभावना है।