अनूपपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर Suspend की कार्रवाई का सिलसिला जारी है। इस मामले में अब कार्रवाई अनूपपुर (Anuppur) जिले में की गई है। अनूपपुर में नगर पालिका परिषद के प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) की राशि का दुरुपयोग पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी यशवंत शर्मा को निलंबित (Suspend) कर दिया गया है। नगरपालिका अनूपपुर प्रशासन को सहायक राजस्व निरीक्षक व लेखापाल अयोध्या प्रसाद तिवारी को निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय जांच के निर्देश जारी किए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक नगरीय प्रशासन विकास विभाग ने प्रधानमंत्री आवास योजना के एएसपी घटक योजना के अंतर्गत 740 हितग्राहियों के आवास निर्माण योजना के लिए राशि स्वीकृत की गई थी। वही योजना के अनुसार राम कंस्ट्रक्शन बिजुरी की दर 4.99% अधिक SOR प्राप्त हुई थी। जिसके लिए संचालनालय द्वारा 4989 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई। इस मामले में अनूपपुर कलेक्टर द्वारा भूमि भी आवंटित कर दी गई थी। वहीं इस मामले में पीएसी की बैठक में 29 जून 2016 को 653 लाख की राशि प्रदान की गई थी।
मई 25 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नगर निकाय को आवंटित राशि में से घटक राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे। इस मामले में निर्देश के बावजूद 2017-18 और 20 21 अभी की ऑडिट कंडिका में राशि वापस न किए जाने के मामले को उल्लंघन माना गया है। जिस पर तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी यशवंत वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इसके साथ इस मामले में नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल द्वारा नगर पालिका के प्रशासक अनूपपुर को आदेश जारी करते हुए सहायक राजस्व निरीक्षक, प्रभारी लेखापाल सहित सहायक ग्रेड 3, लेखापाल को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं।
रतलाम : वहीं दूसरी कार्रवाई रतलाम जिले में की गई है। जहां कार्य में लापरवाही और उदासीनता बरतने के मामले में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जमुना भिड़े द्वारा आलोट की ग्राम पंचायत के सचिव सतनारायण व्यास को निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक पंचायत सचिव द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत 17-18 में शौचालय निर्माण हेतु प्रोत्साहन राशि 12000 के मान से 35 गायों के घरों में बिना शौचालय निर्माण किए ही पोर्टल पर फर्जी जियो टैग किए गए थे। वही 35 हितग्राहियों के 12000 के मान से कुल 4लाख 20 हजार रूपए का ऑनलाइन भुगतान अन्य बैंक खातों में दर्ज कर गंभीर आर्थिक अनियमितता बरती गई थी जिस पर यह कार्रवाई की गई है।