Ashok Nagar Strike News : अशोकनगर जिले में बीते 3 दिन से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में आउट सोर्स एवं संविदा कर्मचारी हड़ताल पर है। इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का संकट गहरा गया है। इसी दौरान बीती रात अचानक हुई बरसात के कारण जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। एक अनुमान के अनुसार करीब 70 फीसदी से ज्यादा इलाका बिजली संकट से जूझ रहा है।
बिजली व्यवस्था हुई बेहाल
उल्लेखनीय है कि आउट सोर्स और संविदा कर्मचारी विभाग में संविलियन एवं नियमितीकरण की मांग को लेकर बीते 3 दिन से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय के बाद टेंट लगाकर हड़ताल कर रहे हैं। इस समय बिजली वितरण कंपनी में करीब 85 फ़ीसदी से ज्यादा काम इन्हीं के भरोसे है। ऐसी बिजली संकट के दौरान इन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से जिले भर की बिजली व्यवस्था बेहाल हो गई है और लोगों को रोजमर्रा के कामों के लिए परेशान होना पड़ रहा है। उधर कंपनी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि नियमित कर्मचारियों के द्वारा लगातार बिजली बहाली के प्रयास किये जा रहे हैं।
गौरतलब है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में आउट सोर्स एवं संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी बीते 3 दिन से हड़ताल पर हैं। इस दौरान वह किसी भी तरह का काम नहीं कर रहे है। उल्लेखनीय है कि विभाग का अधिकांश अमला इन्हीं कर्मचारियों का है। बीते 3 दिन से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की व्यवस्था लगातार खराब होती रही थी अचानक रात को ही बरसात के कारण यह समस्या जिला मुख्यालय पर भी गहरा गई है।
हालात और ज्यादा चिंताजनक होने वाले
हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि आगामी दो-तीन दिन में अगर हड़ताल खत्म नहीं होती तो बिजली को लेकर हालात और ज्यादा चिंताजनक होने वाले हैं। क्योंकि बिजली से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का ज्यादातर काम इस समय हड़ताल पर बैठे लोगों के द्वारा ही किया जाता है। दुनिया में कर्मचारी है उनकी संख्या बहुत कम है ऐसे में निर्बाध रूप से बिजली व्यवस्था बनाए रखना विभाग के लिये बड़ी चुनौती होगी। सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि करीब 15 सालों से लोग संविदा स्तर पर अपना काम कर रहे हैं उन्हें नियमित नहीं किया गया। कई बार यह मांग उठाई गई है मगर हर बार उनको भरोसा और आश्वासन ही मिलता है। इस बार उन्होंने बिना लिखित आश्वासन की हड़ताल खत्म न करने का निश्चय किया है।
अशोकनगर से हितेंद्र बुधोलिया की रिपोर्ट