अशोकनगर: संघ के स्वयं सेवक से संगठन के शिखर तक पहुचे हितानंद शर्मा

Manisha Kumari Pandey
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अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया।  भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda, National President of Bharatiya Janata Party) ने आज मध्य प्रदेश के संगठन मंत्री (Organisation minister) के रूप में इस हितानंद शर्मा की नियुक्ति की है। इसके पहले वह सह संगठन मंत्री का कामकाज देख रहे थे। हाल ही में प्रदेश संगठन मंत्री सुभाष भगत को अन्य दायित्व मिलने के बाद प्रदेश में  जब एक के बाद एक कई चुनाव होने है,  ऐसे मे सत्ता और  संगठन के तालमेल बना कर काम करने की बड़ी जिम्मेदारी उन्हें मिली है। अशोकनगर जिले के ईसागढ़ ब्लॉक  के मढ़ी गांव के रहने बाले हितानंद शर्मा 90 के दशक मे संघ से जुड़े तो पूर्णकालिक कार्यकर्ता (full time worker) के रूप मे ढाई दशक तक संघ के विभिन्न दायित्वों को निभाते रहे (For two and a half decades, he continued to fulfill various responsibilities of the Sangh)।

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करीब डेढ़ बर्ष पहले संघ ने उन्हें राजनैतिक कार्यकर्ता के रुप मे भाजपा मे प्रदेश सह संगठन मंत्री के रूप में चुना था। तब से वह लगातार पार्टी के लिए काम कर रहे है। हाल ही में  उत्तरप्रदेश के चुनाव में  से कुछ महीनो पहले वह अयोध्या मे पार्टी का काम कर रहे थे, जहां भाजपा को चमत्कारिक परिणाम मिले है। हितानंद शर्मा अशोकनगर जिले के रहने वाले हैं और संघ का शुरुआती काम इसी जिले में उन्होंने शुरू किया था। इसलिए संगठन महामंत्री के पद पर उनकी नियुक्ति को लेकर अशोकनगर जिले के कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है। सुबह से ही उन्हें सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता लगा हुआ है।

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उनके बारे मे कहा जाता है कि संगठन की जब जैसी रही अपेक्षा रही,कार्य सदैव उसी तन्मयता (ductility) से उन्होंने निभाया है। वह साधारण कार्यकर्ता से लेकर असाधारण संगठक की अनेक विशिष्टताओं से संपन्न होने की बाद भी सरल व्यक्तित्व के धनी हैं। उनका जन्म  में अशोक नगर जिले के एक छोटे से गांव मढ़ी में 1976 को हुआ था। अपने व्यवहार में ठेठ अपनापन और आधुनिक नवाचारों के न केवल प्रबल समर्थक मतलब स्वंय प्रयोगधर्मी (self experimenter) भी हैं। इनके पिताजी श्री ग्याप्रसाद जी शर्मा शासकीय सेवा में कार्यरत थे।  अत: स्वाभाविक रूप से बाल्यकाल और  शिक्षा अलग -अलग स्थानों पर सम्पन्न हुई।

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पारिवारिक वातावरण जहां राष्ट्रप्रेम और  मॉं भारती के प्रति अगाध श्रृद्धा (deep faith) का भाव रहा था।  उसी के परिणाम स्वरूप उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से हो गया। बाल काल से ही संघ की शाखाओं में जातेरहे। किशोर होते- होते उन्होंने संघ की विद्यालयीन/महाविद्यालयीन शाखाएं लगाना शुरू कर दिया था। वर्ष 1995 में अशोकनगर में विस्तारक बन संघ के लिए पूर्ण रूपेण समर्पित हो गए। अशोकनगर के बाद वह चंदेरी, चांचौड़ा और कुंभराज में नगर प्रचारक रहे। वर्ष 2002 में श्योपुर जिला प्रचारक, फिर 2007 में शिवपुरी विभाग प्रचारक, 2011 में विदिशा विभाग प्रचारक बनाकर भेजे गए। एक कुशल संगठन शिल्पी जिसने संगठन की विचारधारा का विस्तार ही नहीं किया, देखा जाए तो  जहां-जहां रहे वहां कार्य को केन्द्र में रख ऐसे कार्यालयों का निर्माण करवाया जिनका उदाहरण दिया जा सके और इसीलिए आपको संघ के इंजीनियर व आर्किटेक्चर के रुप में भी जाना जाता है।

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20 वर्ष तक आर एस एस मे कार्य करने के बाद 2015 मे उन्हें विद्या भारती मध्यभारत प्रान्त का प्रांत संगठन मंत्री” बनाया गया। इस दौरान उन्होंने पूर्व छात्रों की एक बड़ी शक्ति को उन एकत्रित किया और तरह तरह के नवाचार कर एक बड़ा मंच बनाया ।करीब डेढ़ भर पहले संघ ने फिर से  एक नए कार्य का उत्तरदायित्व उन्हें सौंपा इस बार उन्हें भाजपा के प्रदेश सह संगठन महामंत्री का एक बड़ा कार्य सौंपा गया। नए दायित्व की घोषणा हुई थी, ठीक उसी समय वह कोरोना की चपेट में थे। स्वास्थ्य लाभ होते ही आपने सबसे पहले कोरोना से लड़ने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को न केवल प्रोत्साहित किया बल्कि  दूसरे पीढ़ितों की भी यथासंभव क्या सहायता हो सकती है यह सिखाया। आज भी अनेक लोग उस विषमकाल में आपके द्वारा दिये गये सहयोग, उर्जान्वित व्यवहार को स्मरण करते हैं।

https://twitter.com/HitanandSharma?s=20&t=zEKZlpTcn9JcGDMwSJJNWA 

उनके  नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोरोना से पीड़ित दुखियों के लिए सतत सेवा कार्य किए। वहीं दूसरी ओर 28 विधानसभाओं के उपचुनाव भी उनके प्रतिनिधित्व में सम्पन्न हुए जहां भाजपा ने ऐतिहासिक विजयश्री प्राप्त की।
मात्र 1 वर्ष में प्रदेश के 50% मंडलों का प्रवास कर जमीनी कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क साधा। किसी भी तहसील/कस्बे से लेकर प्रदेश स्तर तक के कार्यकर्ता को वह न केवल उसके बल्कि  उसके परिवारजनों के नाम से जानते हैं। इसका मूल कारण आपका सदैव सभी से जीवंत संपर्क का स्वभाव है। आपका यह व्यवहार आपको सीधे कार्यकर्ता के हृदय से जोड़ता है। अपने जमीनी/मेहनती कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क साधा।

 किसी भी तहसील/कस्बे से लेकर प्रदेश स्तर तक के कार्यकर्ता को वह न केवल उसके अपितु उसके परिवारजनों के नाम से जानते हैं। इसका मूल कारण आपका सदैव सभी से जीवंत संपर्क का स्वभाव है। आपका यह व्यवहार उन्हें  सीधे कार्यकर्ता के हृदय से जोड़ता है। अपने जमीनी/मेहनती कार्यकर्ता के सुख-दुःख का आपको सदैव स्मरण रहता है। हाल ही में उत्तरप्रदेश में सम्पन्न विधानसभा चुनावों में उन्हें  कुछ क्षेत्रों का दायित्व सौंपा गया था, वहां भी भाजपा ने अपना विजय ध्वज फहराया है। 3 महीने तक उन्होंने संपूर्ण अवध क्षेत्र के चप्पे चप्पे का सघन प्रवास किया। गांवों-गलियों-कस्बों में जाकर लोगों तक भाजपा की उपलब्धियां पहुंचाई। परिश्रम की पराकाष्ठा कर परिणाम संगठन के अनुरूप पाया।


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