अशोकनगर : जमीन के अंदर मिला बालक बना पृथ्वीराज, 20 दिन बाद ईलाज कराकर भोपाल से पहुंचा गृहनगर

Amit Sengar
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अशोकनगर, डेस्क रिपोर्ट। जिले में मूंगावली थाना क्षेत्र के अंतर्गत झागर चक्क गाँव मे एक बच्चा जमीन मे अंदर गड़ा मिला जिसको स्थानीय ग्रामीणो ने बाहर निकलकर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उसका स्वास्थ में सुधार न होने के चलते उसे भोपाल के लिए रैफर कर दिया था अब 20 दिन बाद बच्चा स्वस्थ होकर भोपाल से वापस आ गया है। शिशु ग्रह द्वारा इसे फिलहाल जिला चिकित्सालय के sncu वार्ड मे रखा है। जिसको देखने के लिए कल्याण समिति के सदस्य जिला अस्पताल के एस एन एस यू वार्ड मे पहुंचकर बच्चे का हालचाल जाना और उसके स्वाथ्य की जानकरी ली।

गौरतलब है कि इसी माह की 3 दिसंबर तारीख को मुंगावली के ग्राम झागर चक्क के खेत में एक बच्चा जमीन के अंदर रोता हुआ मिला जिसको मौजूदा ग्रामीणो ने बाहर निकालकर उसे प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुंगावली में भर्ती कराया गया था। फिर वहां से उसे जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन नवजात शिशु के स्वास्थ्य में सुधार ना होने के कारण उसे जिला अस्पताल भोपाल के लिए रेफर कर दिया गया था। अब 20 दिन बाद वह बच्चा पूर्ण स्वस्थ होकर भोपाल से अशोकनगर आ गया गया है।

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दीक्षा प्रबंधक हरविंद शर्मा ने बताया कि बच्चा जमीन मे अंदर गड़ा रहने के कारण उसे चीटियों ने काटा जिसके कारण उसके पैरों की अंगुली की सर्जरी हुई। साथ ही उसका निमोनिया, हाइपोथर्मिया,फेफड़ों के संक्रमण का इलाज भी चला।

अब इस नवजात की देखरेख कर रही संस्था दीक्षा शिशु ग्रह ने जमीन से निकलने के कारण इसका नामकरण पृथ्वीराज किया है। जहां आज बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष संजीव रघुवंशी सदस्य हितेंद्र बुधौलिया एवं धर्मेंद्र नायक सहित दीक्षा शिशु ग्रह के प्रवंधक जिला अस्पताल पहुंचे और नवजात शिशु के स्वास्थ्य की जानकारी ली। बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।

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बाल कल्याण समिति के सदस्य हितेंद्र बुधौलिया ने बताया कि जन्म के बाद से ही जीवन के लिए संघर्ष करता हुआ दिखाई पड़ा, इस बच्चे ने जीवन के प्रति बड़ी गजब की जीवटता देखने को मिली है। जन्म के बाद से ही इसे देखरेख एवं सुरक्षा की जरूरत थी। मगर तमाम परेशानी एवं संकटों के बाद अस्पताल के उपचार से निकलकर जीवन के प्रति इस बच्चे का जज्बा कमाल का रहा। कई लोगों के द्वारा एक बच्चे को गोद लेने के लिए इसको लेकर बाल कल्याण से जुड़े विशेषज्ञ भूपेंद्र रघुवंशी का कहना है, कि बच्चों को गोद देने के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकारण (कारा )जो केंद्रीय महिला बाल विकास द्वारा संचालित होता है पर इच्छुक व्यक्ति किसी भी बाल ग्रह पर जा कर ऑनलाइन पंजीयन करा सकते है। इसके बाद एक बिधिक प्रकिया के तहत बच्चे को दिया जाता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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