अलीम डायर। अशोकनगर मुंगावली।
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अशोक नगर जिले की मुंगावली तहसील की ग्राम पंचायत जसैया के ग्राम करीला में रंगपंचमी 14 मार्च को विशाल मेला का आयोजन हुआ। इस वर्ष सुरक्षा व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखकर व्यापक इंतजाम किए गए थे। साथ ही कलेक्टर डॉ. मंजू शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया मंदिर परिसर में व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे और अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देकर उन्होने व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया। अपर कलेक्टर डॉ. अनुज रोहतगी को मेले की व्यवस्थाओं के लिए मेला अधिकारी बनाया गया था तथा मेला प्रभारी का दायित्व प्रभारी एस.डी.एम. यू.सी.मेहरा को दिया गया था।
लाखों श्रद्धालुओं ने किए माता जानकी के दर्शन
करीला के मुख्य मंदिर में मॉ जानकी के साथ-साथ महर्षि वाल्मीकि व लव-कुश की प्राचीन प्रतिमायें स्थापित है। रंगपंचमी पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का करीला धाम आना प्रारंभ हो गया था। रंग पंचमी के दिन व रात में लाखों श्रद्धालुओं ने मॉ जानकी के मंदिर में शीश नवाया तथा दर्शन लाभ लिए। मॉ जानकी के दरबार में आकर लाखों श्रद्धालुओं ने माता जानकी मैया के जय कारों के साथ रैलिंग में कतारबद्ध होकर दर्शन किए तथा मन्नतें मॉगी। मन्नतें प्राप्त हजारों श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर के बाहर राई एवं बधाई नृत्य करवाया। रंग बिरंगी लाइटों से सुसज्जित मंदिर परिसर रोशनी से सराबोर रहा।
नृत्यांगनाओं ने किया राई एवं बधाई नृत्य
करीला धाम में मान्यता है कि जिसके सन्तान न हो वह यहां आकर मन्नतें मांगे तो उसकी मुराद मॉ जानकी पूरी करती हैं। मुराद पूरी होने पर श्रद्धालु यहां आकर अपनी श्रद्धानुसार राई नृत्य करवाते है। क्षेत्र में यह लोकोक्ति प्रचलित है कि लव व कुश के जन्म के बाद मॉ जानकी के अनुरोध पर महर्षि वाल्मीकि ने उनका जन्मोत्सव बडी धूमधाम से मनाया था। जिसमें स्वर्ग से उतर कर अप्सरायें आई थी तथा उन्होने यहॉ नृत्य किया था। वही जन्मोत्सव आज भी रंग पंचमी के अवसर पर यहॉ मनाया जाता है। उसी उत्सव में हर वर्ष सैकडों नृत्यांगनायें यहॉ राई नृत्य प्रस्तुत करती है।
कलेक्टर डॉ. मंजू शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया द्वारा करीला पहुँचकर मेले की सुरक्षा व्यवस्थाओं के साथ-साथ सम्पूर्ण मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। मेला परिसर में सीसीटीव्ही कैमरे, पेयजल सहित विद्युत, स्वच्छता तथा सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था कराई गई। कलेक्टर द्वारा जिले सभी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मेला व्यवस्थाओं के लिए दायित्व सौंपे गए थे। जिसके तहत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पूरी मुस्तैदी के साथ कार्य किया। सेक्टर मजिस्ट्रेटों द्वारा दर्शनार्थियों को कोई असुविधा न हो इस पर विशेष ध्यान दिया गया।