Jabalpur News – मासूम के साथ दुष्कर्म की कोशिश, मां ने बचाई जान

Atul Saxena
Published on -

जबलपुर, संदीप कुमार। बच्चियों (Minors) की सुरक्षा (Safety) और उनके साथ ज्यादती करने वालों के खिलाफ मध्य्रपदेश में बने सबसे सख्त कानून के बाद भी शैतानों और हैवानों को इसका भय नहीं है। वो उन मासूमों के साथ दरिंदगी करने से भी नहीं कांपते जिनको देवी रूप मानकर पूजा जाता है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक पिशाच ने मासूम की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की लेकिन मासूम की मां दुर्गा का रूप रखकर वहां पहुँच गयी और शैतान भाग गया।

दरअसल ये कोई कहानी नहीं है ये हकीकत है। जबलपुर में सात साल की मासूम (Minor) के साथ 39 साल के पड़ोसी के द्वारा छेड़छाड़ और दुष्कर्म (Rape) का प्रसास किए जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। मासूम जब घर के सामने खेल रही थी, परिवार वाले घर में मौजूद नहीं थे, तभी अकेला पाकर आरोपी की नीयत खराब हो गई और वह मकसद में कामयाब भी हो जाता, लेकिन गनीमत यह रही कि तभी मासूम की मां पहुंच गई और आरोपी के साथ अपनी अबोध बच्ची को देखकर चिल्लाई तो आरोपी मौके से फरार हो गया, जिसके बाद पीडि़त मां अपनी बच्ची को लेकर मझौली थाने पहुंची और छेड़छाड़ व पॉक्सो एक्ट का प्रकरण दर्ज कराया।

ये भी पढ़ें – खुशखबरी- मध्य प्रदेश में जल्द खुलेंगे स्कूल, मंत्री इंदर सिंह परमार ने दिए संकेत

घर के सामने खेल रही थी मासूम  

मंझौली पुलिस ने बताया कि बच्ची के पिता सुबह मजदूरी करने घर से निकल गए थे। मां मोहल्ले में थी और सात वर्षीय मासूम घर के सामने अकेले खेल रही थी, तभी पड़ोस में रहने वाला 39 वर्षीय पंजी पहुंचा। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो पंजी नशे में धुत था, मासूम को अकेले देख उसकी नीयत खराब हो गई। वो मासूम को उसके ही घर में ले गया और उसके साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म की कोशिश की।

मर्यादा लांघने की कोशिश कर रहा था आरोपी

पुलिस के मुताबिक आरोपी की हरकत के दौरान ही मासूम की मां मोहल्ले से लौट आई और बेटी की चीख-पुकार सुनकर वह तेज कदमों से दौड़ कर घर पहुंची और वीभत्स नजारा देख आक्रोशित हो गई, मासूम की मां ने चिल्लाया तो आरोपी वहां से भाग निकला। इसके बाद पीडि़त माँ अपनी बच्ची को लेकर थाने पहुंची और मझौली थाने में प्रकरण दर्ज कराया, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News