बारिश का कोहराम: गांगुलपारा जलाशय के पास भू-स्खलन से बालाघाट-बैहर मार्ग बंद

Gaurav Sharma
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बालाघाट, सुनील कोरे। देशभर में विख्यात टाइगर रिजर्व के रूप में पहचाने जाने वाले कान्हा नेशनल पार्क को देश दुनिया से जोड़ने वाले बालाघाट बैहर मार्ग पर लौगुरघाटी और गांगुलपारा घाटी के बीच भू-स्खलन से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। भू-स्खलन हो जाने से बालाघाट से उकवा और उकवा से बालाघाट मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया है। यह मार्ग सिर्फ कान्हा उद्यान ही नहीं ये बल्कि हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड मलाजखंड खदान और मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड की उकवा खदान को भी जोड़ता है। बीती रात से हो रही लगातार बारिश के कारण इस मार्ग पर आवागमन को बंद कराने पहुंचे बालाघाट एसडीएम, सीएसपी सहित अन्य स्टाप अचानक हुए लैंडस्लाइड में बाल-बाल बच गये।

बीती रात से हो रही बारिश

जिले में 27 अगस्त की रात से हो रही वर्षा के कारण नदी-नालों में बाढ़ आ गई है। अधिक वर्षा के कारण बालाघाट से बैहर मार्ग पर गांगुलपारा जलाशय के पास पहाड़ी धसकने से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। बालाघाट से बैहर मार्ग पर अनेक स्थानों पर पेड़ भी गिर गये है। कलेक्टर दीपक आर्य एवं पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने मौके पर जाकर स्थिति को देखने के बाद जनसुरक्षा की दृष्टि से इस मार्ग को बंद करा दिया है। टेकाड़ी-पिपरटोला से उकवा की ओर एवं उकवा से बालाघाट की ओर आवागमन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। बारिश के थमने के बाद सड़क की मरम्मत एवं सुधार कार्य होने के बाद ही इसे आवागमन के लिए खोला जायेगा। इस दौरान एसडीएम के.सी. बोपचे, तहसीलदार रामबाबू देवांगन, सड़क विकास प्राधिकरण के जिला प्रबंधक दीपक आड़े भी मौजूद थे।

भू-स्खलन होने से धंसे मार्ग 

बालाघाट से बैहर और बैहर से बालाघाट मार्ग मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमाओं को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है। जिस मार्ग में कान्हा नेशनल पार्क, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की मलाजखंड खदान और मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड़ की भरवेली और उकवा खदाने पड़ती है। बीते 24 घंटे की लगातार बारिश के कारण इस मार्ग के हालत भयावह हो गये है। इस मार्ग पर टेकाड़ी के आगे गांगुलपारा जलाशय के पास भू-स्खलन होने से सड़क से एक ओर का मार्ग पूरी तरह से धंस गया है। बारिश के कारण मार्ग में जगह-जगह पेड़ और पत्थर सड़क पर आ गये है। जिसके कारण आवागमन पर असर पड़ा है। भू-स्खलन और सड़क में जगह-जगह पेड़ एवं पत्थर गिरने के कारण आवागमन को सुरक्षा की दृष्टि से बंद करा दिया गया है।

सुबह मार्ग में पेड़ और पत्थर गिरने के साथ भू-भूस्खलन की सूचना पर प्रशासन द्वारा एहतियातन कदम उठाते हुए प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम केसी बोपचे, सीएसपी कर्णिक श्रीवास्तव सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी गये थे, इसी समय में हो रही तेज बारिश के कारण दोबारा भू-स्खलन होने से बालाघाट एसडीएम, सीएसपी एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी बाल-बाल बच गये।

भीमगढ़ से 55 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया

जिले में 27 अगस्त की रात से हो रही वर्षा के कारण नदी-नालों में बाढ़ आ गई है और अनेक स्थानों का सड़क संपर्क टूट गया है। जिले के सभी बांध एवं जलाशय भर गये है। 28 अगस्त को सुबह 08 बजे भीमगढ़ बांध से 17 हजार 500 क्यूसेक पानी वैनगंगा नदी में छोड़ा गया है और उसके बाद शाम 05 बजे 38 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस प्रकार भीमगढ़ बांध से कुल 55 हजार 500 क्यूसेक पानी वैनगंगा नदी में छोड़ा गया है। जिला प्रशासन स्थिति पर नजर जमाये हुए है।

कलेक्टर की जनता से अपील

कलेक्टर दीपक आर्य ने जिले की जनता से अपील की है कि वह पुल-पुलियों पर पानी की स्थिति में उसे पार न करें और नदी-नालों में न जायें। वैनगंगा, बाघ, घिसर्री नदी के किनारे के ग्रामों में सावधानी और सर्तकता बरती जाये। गांव में बाढ़ का पानी आने पर सुरक्षित एवं ऊंचे स्थान पर चले जायें। आपात स्थिति में मदद के लिए जिला कार्यालय के कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 07632-240102 पर सूचना दें। अति वर्षा के कारण बालाघाट से बैहर मार्ग, बालाघाट से लामता मार्ग बंद कर दिया गया है। इसी प्रकार कंजई के पास नाले में बाढ़ के कारण बालाघाट से सिवनी मार्ग भी बंद हो गया है। परसवाड़ा, लिंगा, हीरापुर, टेकाड़ी, भानपुर कटंगी, बोरी खोड़सिवनी, कुम्हारी आदि गांव अधिक बारिश से प्रभावित हुए है और इनमें 100 से 150 घरों को नुकसान होने की आशंका है।

29 अगस्त को भी जिले में अति भारी वर्षा की चेतावनी

भारत सरकार के मौसम विज्ञान विभाग नई दिल्ली के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल से प्राप्त अल्प अवधि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार तारीख 29 अगस्त 2020 को सुबह 8.30 बजे तक बालाघाट जिले में रुक रुक कर तेज हवाओं के साथ अति भारी वर्षा और वज्रपात की सम्भावना जताई गई है।

जिले में 1012 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड

01 जून 2020 से प्रारंभ हुए चालू वर्षा सत्र में 28 अगस्त तक बालाघाट जिले में 1012 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 770 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई थी। 28 अगस्त 2020 को प्रातः 8 बजे समाप्त हुए 24 घंटों के दौरान बालाघाट जिले में 88 मि.मी. औसत वर्षा रिकॉर्ड की गई है। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1447 मि.मी. है। माह अगस्त में सामान्य रूप से 445 मि.मी. वर्षा होना चाहिए और 01 जून से 28 अगस्त तक बालाघाट जिले में 1153 मि.मी. वर्षा हो जाना चाहिए। कार्यालय अधीक्षक भू-अभिलेख बालाघाट से प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 अगस्त 2020 को प्रातः 8 बजे समाप्त हुए 24 घंटों के दौरान बालाघाट तहसील में 114 मि.मी., वारासिवनी तहसील में 84 मि.मी., बैहर तहसील में 72 मि.मी., लांजी तहसील में 121 मि.मी., कटंगी तहसील में 72 मि.मी., किरनापुर तहसील में 136 मि.मी., खैरलांजी तहसील में 09 मि.मी., लालबर्रा तहसील में 77 मि.मी., बिरसा तहसील में 115 मि.मी., परसवाड़ा तहसील में 96 मि.मी. एवं तिरोड़ी तहसील में 70 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। इस प्रकार बीते 24 घंटों में बालाघाट जिले में कुल 88 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। चालू वर्षा सत्र के दौरान 01 जून से 28 अगस्त 2020 तक बालाघाट तहसील में 1046 मि.मी., वारासिवनी तहसील में 966 मि.मी., बैहर तहसील में 1241 मि.मी., लांजी तहसील में 1002 मि.मी., कटंगी तहसील में 778 मि.मी., किरनापुर तहसील में 1160 मि.मी., खैरलांजी तहसील में 361 मि.मी., लालबर्रा तहसील में 1292 मि.मी., बिरसा तहसील में 1209 मि.मी., परसवाड़ा तहसील में 1216 मि.मी. एवं तिरोड़ी तहसील में 859 मि.मी. वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इस प्रकार बालाघाट जिले में चालू वर्षा सत्र में अब तक कुल 1012 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। गत वर्ष 2019 में इसी अवधि में 01 जून से 28 अगस्त 2019 तक बालाघाट तहसील में 882 मि.मी., वारासिवनी तहसील में 910 मि.मी., बैहर तहसील में 882 मि.मी., लांजी तहसील में 697 मि.मी., कटंगी तहसील में 425 मि.मी., किरनापुर तहसील में 885 मि.मी., खैरलांजी तहसील में 366 मि.मी., लालबर्रा तहसील में 774 मि.मी., बिरसा तहसील में 924 मि.मी., परसवाड़ा तहसील में 1073 मि.मी. एवं तिरोड़ी तहसील में 642 मि.मी. वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। इस प्रकार बालाघाट जिले में गत वर्ष इसी अवधि में कुल 770 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई थी।

कलेक्टर ने कहा ये

बालाघाट से बैहर जाने वाले मार्ग में गांगुलपारा जलाशय के पास भू-स्खलन होने से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे बालाघाट से उकवा और उकवा से बैहर मार्ग को आवागमन की दृष्टि से बंद कर दिया गया है। सड़क पर पेड और पत्थर गिरने एवं भूस्खलन की जानकारी के बाद जब प्रशासनिक टीम मार्ग को बंद कराने मौके पर पहुंची थी, तो दोबारा भू-स्खलन होने से एसडीएम और सीएसपी बाल-बाल बचे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से मार्ग को बंद किया गया है और उस पर नजर रखी जा रही है।

जगह-जगह पेड़ और पत्थर गिरे

एसडीएम, सीएसपी और अन्य प्रशासनिक टीम बैहर-उकवा मार्ग में भू-स्खलन और जगह-जगह पेड़ एवं पत्थर गिरने की जानकारी के बाद मार्ग को बंद कराने बेरिकेटिंग लगाकर बंद कराने पहुंचे थे, इस दौरान तेज बारिश हो रही थी, इसी दौरान पास ही भू-स्खलन होने से प्रशासनिक अमला बाल-बाल बचा। ऐतिहातन के तौर पर मार्ग को बंद करवा दिया गया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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