बालाघाट : लांजी पुलिस ने किया अंधे हत्याकांड का खुलासा, 6 आरोपी गिरफ्तार

Amit Sengar
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बालाघाट, सुनील कोरे। सूचना का अधिकार और सीएम हेल्पलाईन में लोगों की शिकायत करने वाले सतीश शेंडे की हत्या, उसके अपने कार्यो की वजह से हुई थी। गरीबी रेखा का राशन कार्ड कटवाने के विवाद में हितग्राही द्वारा सुनियोचित तरीके से 4 दिसंबर को बस में ले-जाकर उसकी हत्या कर दुल्हापुर में उसके शव को फेंक दिया था। जिसका शव पुलिस ने 8 दिसंबर को खेत से बरामद किया था। खराब हालत में बरामद सतीश के शव पर घसीटे जाने और सिर पर चोटों के निशान के आधार पर लांजी पुलिस ने हत्या और साक्ष्य छिपाने के तहत अपराध दर्ज कर लिया था। जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में अंधे-हत्याकांड की गुत्थी सुलझाते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

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एसडीओपी दुर्गेश आर्मो ने बताया कि सतीश शेंडे ने सूचना का अधिकार और 181 के तहत शिकायतें और ऑनलाईन का काम करता था। जिसके द्वारा बिनोरा निवासी पेशे से वाहन चालक राजकुमार चौरे को लेकर गरीबी रेखा के राशन कार्ड सहित अन्य शिकायतें की गई थी। जिसको लेकर राजकुमार और उसके पुत्रों के साथ विवाद चल रहा था। 4 दिसंबर को एक स्थान पर खड़े दिखे सतीश शेंडे को राजकुमार और उसके पुत्र ने यश कुमार की बस में बैठाकर घटनास्थल तक लेकर गए। इस दौरान उसके साथ बस में मारपीट की। जिसके बाद रात का फायदा उठाते लांजी से अपने पुत्र रत्नदीप और उसके साथ अन्य लोगों को बुलाकर बस के टूल्स से उसके साथ मारपीट कर उसकी हत्या कर दी थी।

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जिसके बाद उसके शव को वहीं फेंककर चले गये थे। डिस्पोजल हालत में मिले शव की शिनाख्त और पीएम रिपोर्ट के बाद सतीश शेंडे की हत्या मामले में अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया था। जिसमें विवेचना के दौरान घटनास्थल के आसपास मिले सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी साक्ष्य, मुखबिर तंत्र की मदद से मिली जानकारी के आधार पर आरोपियों बिनोरा निवासी 26 वर्षीय रत्नदीप उर्फ मोंटी पिता राजकुमार चौरे, 52 वर्षीय राजकुमार उर्फ राजू पिता स्व. सुखदेव चौरे, 20 वर्षीय रोहित उर्फ चिंटु पिता राजकुमार चौरे, 20 वर्षीय अतुल पिता प्रेमलाल नगपुरे, सिवनी थाना अंतर्गत कान्हीवाड़ा के उमरिया निवासी 24 वर्षीय भारत पिता बलराम भलावी और लांजी निवासी 18 वर्षीय उसोहेल पिता जाहिर शेख को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने सतीश शेंडे की हत्या करना और उसके शव को खेत में फेंकना स्वीकार किया है। बताया जाता है कि यह सभी आरोपी बस संचालन में कार्यरत थे। जिसमें कोई चालक, कंडेक्टर, एजेंट और हेल्पर है। हालांकि चर्चा यह भी है कि इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को पहले पकड़ा था। जिनसे मामले में पूछताछ की जा रही थी। जिसमें दो लोगों के नाम नहीं आने पर कई तरह की चर्चाऐं है। फिलहाल पुलिस का मानना है कि सतीश शेंडे की हत्या मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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इस कार्रवाई में थाना प्रभारी शंकरसिंह चौहान, उपनिरीक्षक विजय सनस, कार्य. उपनिरीक्षक राजकुमार ठाकुर, एएसआई विनोद ठाकुर, प्रआर. सुशील सहारे, आर. नरेन्द्र सोनवे, राघवेन्द्र ठाकुर, सुजीत पाल, विजय सिसोदिया, सुनील वर्मा, भोलाराम ओसारी, जितेन्द्र वाघाड़े, दिनेश लिल्हारे, भूपेन्द्र नागवंशी, प्रमेद बिसेन, चंचलेश यादव, नरेश भंडारी और सायबर सेल की भूमिका सराहनीय रही। अंधे हत्याकांड को सुलझाने वाली पुलिस टीम को पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी द्वारा पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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