Balaghat News : बालाघाट जिले के वनाच्छिद क्षेत्र में वन्यप्राणियों की बहुलता ही उनकी जान की दुश्मन बन गई है। जिले में वन्यप्राणियों का शिकार की घटनाएं लगातार प्रकाश में आ रही है। जिससे वनविभाग की गश्त और वन्यप्राणियों की सुरक्षा को लेकर कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना लाजिमी है। जिले में सबसे ज्यादा घटना बिजली करेंट लगाकर शिकार किये जाने से जुड़ी होती है, ताजा मामला भी बिजली करेंट से वन्यप्राणी भालू और दो चीतल की मौत में भी प्रथमदृष्टया बिजली करेंट से वन्यजीवों की मौत की बात कही जा रही है। जिसमें शिकार की आशंका पर वन अमला जांच में जुट गया है। वहीं मृतक भालू और चीतल के शव को वन अमले द्वारा बरामद कर उसका पशु चिकित्सक से पीएम करवाया गया। जिसके बाद नियमानुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया।
यह है पूरी घटना
घटना 24 मार्च के सुबह की है, वन परिक्षेत्र पश्चिम बैहर के अंतर्गत बघोली बीट के कक्ष क्रमांक 1447 में ग्राम खुदुरगांव के समीप जंगल में मृतक भालू और दो चीतल को देखा गया। ठेमा सरपंच संपतसिंह उईके की मानें तो उन्हें पंच ने भालू और दो चीतलों के मृत हालत में पड़े होने की सूचना दी। जिसके बाद इसकी जानकारी वन अमले को दी गई। जहां से पहुंचे वनविभाग की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर डॉग स्कॉट की मदद ली। जिसमें दो से तीन घरों से कुछ सबूत मिलने की बात कही जा रही है।
उपवन मंडलाधिकारी राकेश शाक्यवार ने बताया कि घटना पश्चिम बैहर परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 1447 की है। सुबह गश्त के दौरान सूचना मिलने पर जब वे यहां पहुंचे तो देखा कि एक भालू और दो चीतल मृत है। प्रथमदृष्टया बिजली करेंट से वन्यप्राणियों का शिकार करने की घटना प्रतित हो रही है। उन्होंने कहा कि वन्यप्राणी की सुरक्षा को लेकर ग्रामीणों में जागरूकता का आभाव और असामाजिक तत्वों द्वारा घटित की जा रही ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने प्रयास किया जा रहा है। निमयानुसार वन्यप्राणी भालू और चीतलों के शव को बरामद कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही घटना में संलिप्त लोगों का पता लगाकर उन्हें पकड़ा जायेगा।
ग्राम के समीप जंगल मे बीती रात वारदात को अज्ञात लोगों द्वारा अंजाम दिया गया। घटना के बाद वन अमले द्वारा कान्हा से बुलाई गये डॉग स्कॉट की मदद से घटनास्थल का निरीक्षण किया। बताया जाता है कि खुदुरगांव के जंगल में मिले नर भालू की उम्र 12 वर्ष और दो नर चीतल की उम्र क्रमशः 11 वर्ष और 12 वर्ष है। जिनका करेंट लगाकर शिकार करने की बात सामने आ रही है। चूंकि घटनास्थल से विभागीय टीम को जी आई तार, बांस की खूटियां सहित अन्य सामग्री मिली है, जिसे विभाग ने बरामद कर लिया है।
जानकारों की मानें तो वन्यप्राणी के शिकार की घटनायें पहले भी प्रकाश में आ चुकी है, फिर इस घटना के सामने आने से लगता है कि विभागीय अमला, वन्यप्राणियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट