Balaghat News : व्यापारी सेे 18 लाख की धोखाधड़ी, पुलिस में मामला दर्ज, जाँच शुरू

Balaghat Double Money News : बालाघाट जिले में बहुचर्चित डबल मनी के एक नहीं बल्कि कई मामले प्रकाश में आ रहे है, लांजी और किरनापुर डबल मनी के मामले की तर्ज पर विगत समय नगर के एक बड़े हॉटल से डबल मनी मामले में भी पुलिस ने कुछ आरोपियों को पकड़ा था। पुलिस जिले के लांजी एवं किरनापुर बहुचर्चित डबल मनी मामले की विवेचना ही कर रही है कि इसी तर्ज पर फारेक्स ट्रेर्डिंग के माध्यम से दस लाख तक की राशि को तीन महीने और दस लाख के ऊपर की राशि को दो महीने में डबल करने का लालच देकर एक वर्दीधारी ने बालाघाट शहर के एक व्यापारी से 18 लाख रूपये की धोखाधड़ी कर ली।

यह है मामला

बता दें कि पीड़ित लिंगा निवासी गजेन्द्र पारधी है, जिनकी शहर के ऋषि काम्पलेक्स में आयुर्वेदिक दवाईयो और दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की दुकान है। जिन्हें एक निजी हॉटल में मिले वर्दीधारी लांजी निवासी छत्तरसिंह उर्फ अर्जुनसिंह पुसाम और लांजी घोटी निवासी देवेन्द्र बिल्हारे ने उन्हें फारेक्स ट्रेर्डिंग के माध्यम से राशि के डबल करने की प्रक्रिया से अवगत कराया। चूंकि वर्दीधारी छत्तरसिंह उर्फ अर्जुनसिंह पुसाम के विगत पांच सालों से ग्राहक होने और लगातार उसके वर्दी में दुकान में आने से सम्मोहित व्यापारी, गजेन्द्र पारधी ने विश्वास कर ना केवल अपना बल्कि अपने रिश्तेदारी के जीजा की राशि मिलाकर कुल 18 लाख रूपये डबल मनी करने देे दिया। जिसमें देवेन्द्र बिल्हारे ने अपना एक्सिस बैंक का चेक और छत्तरसिंह उर्फ अर्जुनसिंह पुसाम ने सेंट्रल मध्यप्रदेश ग्रामीण शाखा कोसमी का चेक दिया। साथ ही कहा कि वह चेक बैंक में ना लगाये मैच्युरिटी होते ही वह उन्हें डबल राशि नगद दे देंगे, लेकिन डबल मनी माह की अवधि बीत जाने के बाद अब वर्दीधारी ना केवल पुलिस में होने की धमकी देकर राशि नहीं दे रहा है और देवेन्द्र बिल्हारे, ट्रेर्डिंग में पैसा डूब जाने की बात कहकर राशि नहीं देने की बात कह रहा है। जिससे व्यापारी स्वयं को ठगा महसुस कर रहा है।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”