Balaghat News : दुष्कर्मी को आजीवन और सहयोगी महिला को पांच वर्ष का कारावास

Amit Sengar
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Balaghat Court News : बालाघाट न्यायालय के माननीय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने आरक्षी केन्द्र किरनापुर के नाबालिक के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी रजेगांव चौकी अंतर्गत बटरमारा निवासी 33 वर्षीय प्रियानंद उर्फ नंदू पिता देवदार डोंगरे को आजीवन एवं सहयोगी महिला 19 वर्षीय शालिनी पिता राजेश डोंगरे को पांच वर्ष के कारावास की सजा और 13 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है। मामले में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती कपले ने पैरवी की थी।

यह है पूरी घटना

मीडिया प्रभारी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विमलसिंह ने बताया कि 9 जुलाई 2021 की शाम करीब 7.30 बजे नाबालिक किराना दुकान में जाने के लिए घर से निकली थी। जिसके वापस नहीं आने पर परिजनों ने उसकी गांव और रिश्तेदारी में तलाश की। जिसके बाद परिजनों ने 10 जुलाई को उसके अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था। मामले की विवेचना कर रही पुलिस ने अपह्रता नाबालिक को घटना के एक सप्ताह बाद दस्तयाब किया।

जिसके बाद नाबालिक पीड़िता ने जो जानकारी दी, उसके अनुसार जब वह घर से दुकान कुरकुरे लाने किराना दुकान गई, जहां से युवती चुटकी उर्फ शालिनी डोंगरे, उसे अपने साथ घर लेकर गई और घूमकर आने की बात पर चलने कहा। इसी दौरान शालिनी की घर के बाजू में निवासरत नंदू उर्फ प्रियानंद डोंगरे आया और उसे अपने साथ परसाटोला चलने की बात कही। जिसे मना करने पर प्रियानंद और शालिनी ने उसका जबरदस्ती हाथ पकड़कर उसे मोटर सायकिल से परसाटोला लेकर गये। जहां नंदू ने तीन दिनों तक पत्नी की तरह उसके साथ उसकी मर्जी के बिना दुष्कर्म करता रहा। जब प्रियानंद को पता चला कि मेरे माता-पिता मुझे ढूंढ रहे हैं तब उसने ग्राम कटोरी गांव के अमराई के पास लाकर छोड़ दिया। जहां से खेत होकर अपनी मौसी के घर पहुंची। जहां उसने पिता, मौसा और गांव के लोगों को घटना की जानकारी दी।

अर्थदंड से किया दंडित

जिसमें पुलिस ने आरोपी युवक और सहयोगी महिला के खिलाफ अपराध पंजीबद्व कर उसमें विवेचना की गई। विवेचना उपरांत पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां मामले की सुनवाई उपरांत माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी के खिलाफ मिली साक्ष्य और अभियोजन के तर्को से सहमत होकर आरोपी को आजीवन कारावास और सहआरोपी महिला को पांच वर्ष के कारावास और अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है।

बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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