Balaghat News : स्टूडेंट्स चला रहे थे पैथोलॉजी, एसडीएम और बीएमओ ने मारा छापा, पैथोलॉजी सील, चिकित्सकों को जारी किया नोटिस

जिले में कितने झोलाछाप डॉक्टर है, इसकी सूची तक स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। जबकि जानकार बताते है कि जिले में सैकड़ो झोलाछाप डॉक्टर, ग्रामीण क्षेत्रो में ईलाज कर रहे है।

Amit Sengar
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Balaghat News : प्रदेश सरकार ने गैर मान्यताधारी व्यक्तियों और झोलाछाप चिकित्सकों के चिकित्सीय व्यवसाय को नियंत्रित करने के निर्देश दिए थे। जिसके महीने बाद बालाघाट जिले में इसको लेकर प्रशासनिक अमला सक्रिय दिखाई दे रहा है। जिसमें भी अब तक केवल लांजी अनुविभाग में ही कार्रवाई देखी जा रही है। शनिवार को दोपहर लगभग 02 बजे लांजी एसडीएम प्रदीप कौरव और बीएमओ डॉ. गेडाम ने लांजी क्षेत्र के भानेगांव में दो पैथोलॉजी लैब और दो चिकित्सीय संस्थान में छापामार कार्रवाई की।

क्या है पूरा मामला

इस कार्रवाई में उन्हें पता चला कि पैथोलॉजी में कोई विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है और स्टुडेंट ही पैथोलॉजी चला रहे है। जबकि दो चिकित्सकों के निजी क्लिनिक डॉ. ललित बुराड़े और डॉ. टी.के. विश्वास की जांच करने पर पता चला कि जिस पैथी में चिकित्सक को ईलाज करना है, उस पैथी से अलग, चिकित्सक ऐलोपैथी का ईलाज कर रहे है। जहां से आवश्यक कार्रवाई कर टीम ने भानेगांव में संचालित माइक्रो और हाथीमारे पैथोलॉजी को सील कर दिया है। जबकि डॉ. ललित बुराडे और डॉ. टी.के. विश्वास को, ऐलोपैथी ईलाज करने से संबंधित जारी किए गए आदेश और निर्देश के जवाब के साथ पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

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एसडीएम प्रदीप कौरव ने बताया कि अनुविभागीय क्षेत्र को 06 सेक्टरो में डिवाईड किया गया है। जिसमें पहली कार्रवाई भानेगांव में अवैध रूप से संचालित पैथोलॉजी और क्लिनिक में की गई है। पैथोलॉजी में विशेषज्ञ चिकित्सक की जगह, स्टुडेंट पैथोलॉजी चला रहे है। जिसे सील कर दिया गया है। वहीं दो चिकित्सकों के क्लिनिक में उनकी डिग्री की पैथी के अनुसार ईलाज ना चिकित्सकों द्वारा ऐलोपैथी ईलाज किया जा रहा है। जिसका जवाब देने नोटिस जारी किया है। नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो नियमानुसार दोनो ही चिकित्सकों पर कार्रवाई की जाएगी। शनिवार को लांजी अनुविभागीय क्षेत्र में हुई इस कार्रवाई के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अन्य क्षेत्रो में भी इस तरह की कार्रवाई की जाएगी। चूंकि स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार जिले में कितने झोलाछाप डॉक्टर है, इसकी सूची तक स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। जबकि जानकार बताते है कि जिले में सैकड़ो झोलाछाप डॉक्टर, ग्रामीण क्षेत्रो में ईलाज कर रहे है।

बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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