बालाघाट, सुनील कोरे। पुरानी बोतल में नई शराब की कहावत की तरह मप्र सरकार (MP Government) के बालाघाट (Balaghat) से सिवनी (Seoni) तक पुरानी जर्जर सड़क पर टोल टैक्स (Toll Tax) की दूसरी बार वसुली भारी विरोध के बाद बंद करनी पड़ी। गौरतलब हो कि बीते 11 अगस्त को भी पुरानी जर्जर सड़क पर टोल टैक्स वसुली किये जाने का भारी विरोध सामने आया था। जिसके बाद से आज 21 अक्टूबर तक टोल टैक्स बंद था। जब 22 अक्टूबर को एक फिर टोल टैक्स प्रारंभ किया तो भारी विरोध देखने को मिला।
मजदूर यूनियन, मालवाहक ट्रांसपोर्ट यूनियन, ट्रांसपोर्ट एशोसिएशन, परचून एशोसिएशन, राईस मिल एशोसिएशन और बस एशोसिएशन, गर्रा में टोल टैक्स वसुली का विरोध करते हुए चक्काजाम कर दिया। हालांकि इस दौरान आकस्मिक सेवाओं के वाहन, महिला और बच्चों के वाहन को चक्काजाम से मुक्त रखा गया था। टोल टैक्स के विरोध में किये गये चक्काजाम आंदोलन के चलते बालाघाट से लालबर्रा, वारासिवनी मार्ग पर जाम लग गया और वाहनो की लंबी कतार लग गई।
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विरोध प्रदर्शन कर रहे यूनियन और एशोसिएशन गर्रा टोल टैक्स (Garra Toll Tax) का विरोध कर रहे थे। जिनका कहना था कि 20 साल पहले बीओटी से बनी बालाघाट-सिवनी सड़क में 18 साल तक टोल टेक्स वसुले जाने के बाद बंद किये गये टोल को फिर शासन के आदेश पर एजेंसी मध्यप्रदेश राज्य सड़क विकास प्राधिकरण, टोल वसुली करने प्रारंभ कर रही है। जो अवैधानिक है, जब सड़क बनी ही नहीं तो कैसा टोल टैक्स। गर्रा टोल नाके में बिना सड़क बनाये वसुले जा रहे टोल टैक्स को लेकर प्रदर्शन कर रहे यूनियन में वैनगंगा मजदूर यूनियन जिलाध्यक्ष विशाल बिसेन, ट्रांसपोर्ट एशोएिसशन अध्यक्ष पूरनसिंह भाटिया, अजय हरिनखेड़े, इंडियन रोड लाईन के संचालक पाली सरदार, जे.के. रोड लाईंस के संचालक निरंजन, अविनाश ठाकुर, अन्नु ठाकुर, संतोष गायधने, गणेश साहू, सतीश साहू सहित अन्य यूनियन एवं एशोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद थे। जिन्होंने टोल टैक्स वसुली का विरोध किया। हालांकि विरोध प्रदर्शन से पहले नाका से गुजरे कई वाहनो को टोल टैक्स देना पड़ा। जिससे लोगों में नाराजगी दिखाई दी।
22 अक्टूबर से प्रारंभ किये गये गर्रा टोल टैक्स वसुली को लेकर भारी विरोध के बाद अपर कलेक्टर शिवगोंविद मरकाम और वारासिवनी एसडीएम ने प्रदर्शनकारियों से चर्चा कर कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा के चर्चा के हवाले से टोल टैक्स वसुली को बंद किये जाने की बात कही, तब कहीं जाकर घंटो तक रहे चक्काजाम से खत्म होने पर लोगों ने राहत की सांस ली। शाम को गर्रा टोल टैक्स को बंद किये जाने को लेकर यूनियन एवं एशोसिएशन पदाधिकारियों से कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने चर्चा और उन्हें विश्वास दिलाया कि टोल टैक्स अभी बंद रहेगा। इस दौरान वैनगंगा मजदूर यूनियन ने हरियाली को नष्ट करके लबादा में बनाये जा रहे टोल टैक्स को भी हटाये जाने की बात कही। जिस पर कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने आश्वस्त किया कि वह चर्चा कर कंजई सीमा या जिले की सीमा पर टोल टेक्स लगाने पर चर्चा करेंगे।
वैनगंगा मजदूर यूनियन जिलाध्यक्ष विशाल बिसेन ने बताया कि हमारी मांग थी कि जब सड़क बनी ही नहीं तो टेक्स कैसा। सरकार मनमाने तरीके से जनता से टेक्स वसुल कर अपना खजाना भरना चाहती है, यह पूर्णतया अवैध है। प्रदेश में वैसे ही पेट्रोलियम पदार्थ के दाम उंचे है, जिससे आम जनता और व्यवसायिक वाहन संचालक परेशान है, ऐसे में सरकार का यह निर्णय आम जनता के पेट पर सीधे लात मारने जैसा है। जिसको लेकर विभिन्न ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े और आम जनता के साथ यह आंदोलन किया गया था। जिसके फलस्वरूप प्रशासन ने टोल टेक्स को बंद करने की बात कही है।
ट्रांसपोर्ट एशोसिएशन अध्यक्ष पूरनसिंह भाटिया ने कहा कि इससे न केवल व्यवसाय बल्कि आम जनता पर असर पड़ेगा। आज पेट्रोलियम पदार्थ के भाव सबसे ज्यादा बालाघाट में है। यदि व्यवसाय में अतिरिक्त भार पड़ेगा तो इसका सीधा असर जनता पर होगा और जनता और महंगाई की मार झेलेगी। ट्रांसपोर्ट एशोसिएशन उपाध्यक्ष अविनाश ठाकुर ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थ के दामो रोजाना बढ़ रहे है, जिससे वैसे ही ट्रांसपोर्ट व्यवसाय ठंडा पड़ा है, ऐसे में यह टोल व्यवसाय को खत्म कर देगा। यह टोल टेक्स नहीं बल्कि गुंडा टैक्स है, जिसका एशोसिएशन विरोध करता है और लबादा में भी प्रारंभ होने पर इसका विरोध किया जायेगा। जब इस मार्ग का टोल वसुल कर कंपनी ने सड़क सरकार को हस्तांतरित कर दी है तो फिर टोल टेक्स कैसा। वैसे ही मार्ग की हालत जर्जर है।