Balaghat Crime News : मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में बीते शुक्रवार को हुई सूरजलाल टेकाम की हत्या पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बता दें कि लांजी थाना अंतर्गत डाबरी चौकी में सूरजलाल टेकाम की हत्या के मामले में आरोपी प्रतापसिंह उईके को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी प्रतापसिंह उईके ने जादू टोने के शक में सूरजलाल टेकाम की हत्या की थी। जिसके शव को विगत 10 फरवरी को पुलिस ने बरामद किया था। चूंकि शव बरामदगी के बाद पंचनामा कार्रवाई के दौरान मृतक के गले में किसी धारदार हथियार से काटने के निशान होने पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था। जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में लांजी पुलिस ने आरोपी प्रतापसिंह उईके को गिरफ्तार कर 15 फरवरी को उसे न्यायालय में पेश किया।
यह है पूरा मामला
पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि आरोपी प्रतापसिंह उइके की दो बेटियां और पत्नी की आकस्मिक मौत हो गई थी। जिससे प्रतापसिंह को शक था कि सूरजलाल टेकाम ने उसकी बेटी और पत्नी पर जादूटोना किया। जिससे उसकी मौत हा गई। जिससे सूरजलाल टेकाम के प्रति जादूटोने का शक पाले प्रतापसिंह ने बीते 9 फरवरी को सूरजलाल टेकाम के लातरी से वापस होते समय उसकी कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी थी। चूंकि मामला अंधे हत्याकांड से जुड़ा होने के कारण जब पुलिस ने मामले की विवेचना की तो पता चला कि दो वर्ष पूर्व प्रतापसिंह का सूरजलाल टेकाम से विवाद हो हुआ था और जो घटना के बाद से नजर नहीं आया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे तुम्मा के जंगली क्षेत्र से पकड़कर उससे पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि दो बेटियों और पत्नी की आकस्मिक मौत से वह सूरजलाल टेकाम पर जादूटोने का शक करता था और गत 9 फरवरी को सूरजलाल टेकाम, जब लातरी निवासी दशरथ तिलगाम के घर से बारसा कार्यक्रम के बाद शामिल होकर वापस लौट रहा था। इस दौरान ने उसकी कुल्हाड़ी से हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी के पास से हत्या में प्रयुक्त की गई कुल्हाड़ी को जब्त कर लिया हैं।
आदिवासी अंचल में है जादूटोने का अंधविश्वास गहरा
पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने कहा कि क्षेत्र के आदिवासी अंचल में जादूटोने का अंधविश्वास गहरा है। जिसके प्रति कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत हम जागरूक करने का प्रयास कर रहे है, जिसमें मीडिया भी इसमें अहम भूमिका निभाते हुए लोगों को ऐसे अंधविश्वास से जागरूक करने का काम करें। उन्होंने कहा कि आरोपी से पूछताछ में पता चला कि बेटियों और पत्नी के बीमार होने पर प्रतापसिंह उईके ने कभी उन्हें शासकीय अस्पताल में नहीं दिखवाया बल्कि उनका झाड़फूंक से ईलाज कराने में जुटा रहा। जिसके कारण सही उपचार नहीं मिलने पर उनकी मौत हो गई। जिसे प्रतापसिंह उईके, बेटियों और पत्नी की मौत के लिए सूरलाल टेकाम पर जादूटोना का शक करता था।
बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट