बालाघाट में 20 करोड़ के बड़े मोबाइल फ्रॉड का खुलासा, अंतर्राज्यीय गैंग से जुड़ा नेटवर्क, कई अरेस्ट

Pooja Khodani
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बालाघाट

बालाघाट, सुनील कोरे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की बालाघाट पुलिस (Balaghat Police) ने गृह मंत्रालय, भारत सरकार (Ministry of Home Affairs, Government of India) और मध्यप्रदेश पुलिस, झारखंड पुलिस (MP Police), आंध्रप्रदेश पुलिस  समेत 18 राज्यों की पुलिस की मदद से 20 करोड़ के बड़े सायबर फॉड का पर्दाफाश किया है।हैरानी की बात तो ये है कि पुलिस ने नेटवर्क के एक सर्किट को पकड़ा है, जबकि इस पूरे मामले में 700 लोगों के शामिल होने की आशंका है, जो देश और प्रदेश का सबसे बड़ा सायबर फ्रॉड साबित होगा।

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बालाघाट पुलिस ने अभी इस मामले में बालाघाट से नेटवर्क से जुड़े किरनापुर थाना अंतर्गत रमगढ़ी निवासी 28 वर्षीय हुकुमसिंह पिता योगीराज बिसेन, बालाघाट कोतवाली थाना अंतर्गत भटेरा वार्ड क्रमांक 2 निवासी 38 वर्षीय मनोज पिता ढुंडीलाल राणा और देश के झारखंड प्रदेश के रांची निवासी सुशांत अग्रवाल, प्रभात कुमार, सरायकेला निवासी विकास उर्फ नितिन कुमार सिंह, देवधर निवासी संजय मेहतो, आंध्रप्रदेश चित्तूर निवासी हरि और श्रवणकुमार को गिरफ्तार किया है। हालांकि सभी 8 आरोपियों में 2 आरोपियों को कोतवाली पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किया है, जबकि शेष अन्य प्रदेशो के आरोपियों को स्टेट पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिन्हें जल्द ही बालाघाट लाया जायेगा।

इस पूरे मामले में विभिन्न कंपनियों के 300 से ज्यादा मोबाईल सहित 9 एलईडी टीव्ही, 10 लाख रूपये नगद, 75 से अधिक क्रेडिट कार्ड, हार्ड डिस्क, लैपटॉप सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की बरामदगी सहित पुलिस ने आरोपियों के 75 खातो को फ्रिज कर दिया है। मामले को लेकर सायबर फ्राड के एक बड़े नेटवर्क के सर्किट का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने इस मामले की जानकारी प्रेस को दी। इस दौरान प्रेसवार्ता में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौतम सोलंकी, सीएसपी कर्णिक श्रीवास्तव और थाना प्रभारी मंशाराम रोमड़े सहित इस कार्यवाही को अंजाम देने में योगदान देने वाली पूरी पुलिस टीम मौजूद थी।

ऑनलाईन ठगी के माध्यम से दिया 20 करोड़ मोबाईल फ्रॉड

पुलिस की मानें तो OTP और क्रेडिट कार्ड (Cridit Card) धोखाधड़ी के माध्यम से की गई ठगी की राशि से सायबर फ्रॉड कर रहा नेटवर्क ऑनलाईन मार्केटिंग (Online Marketing) के माध्यम से फर्जी आईडी, मोबाईल नंबर, पते पर मोबाईल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बुलवाकर कालाबाजारी को बढ़ावा देकर उत्पाद बिक्री में कर चोरी, मनी लांड्रिग और आदतन चोरी के माल के लेनदेन में शामिल विभिन्न चरणों को चला रहे थे। पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि गृह मंत्रालय के खुफिया इनपुट के सायबर सेफ पोर्टल द्वारा तैयार किया गया। जिसमें यह जानकारी मिली थी कि बड़ा नेटवर्क पूरे भारत के 18 से अधिक राज्यों में चल रहा है।

आर्थिक अपराधों और सायबर अपराधों के खिलाफ अंतर्राज्यीय समन्वय बनाते हुए देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद से इन धोखेबाजों के वित्तिय ट्रेस के साक्ष्य जुटाये गये। जिससे धोखेबाजों की धोखाधड़ी, कालाबाजारी और कर चोरी का पता चला। इस पूरे मामले में 20 करोड़ रूपये से अधिक के मनी लॉड्रिंग का पता चला है। जिसमें बालाघाट पुलिस निरंतर कार्यवाही कर आरोपियों का पतासाजी करने में जुटी है, अब तक इस नेटवर्क से जुड़े 700 लोगों का पता चला है, जिसमें उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाये जा रहे है, जिसमें आगामी समय में और भी बड़े खुलासे होंगे।इस मामले में जीएसटी से लेकर आयकर विभाग और ईडी से संपर्क स्थापित किया जा रहा है ताकि इस बड़े सायबर फ्रॉड में शामिल आरोपियों पर चौतरफा कार्यवाही हो और उन्हें बच निकलने का मौका न मिले।

बालाघाट में भी वर्ष 2019 से नेटवर्क कर रहा था कामसायबर फ्राड के मामले को लेकर आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस ने बताया कि बालाघाट में ही डेढ़ करोड़ के फ्राड का पता चला है, जो वर्ष 2019 से यह नेटवर्क काम कर रहा था। बालाघाट से हुए इस मामले के खुलासे के बाद जो सामने घटनाक्रम को लेकर तस्वीर आ रही है, उसमें बालाघाट से पकड़ाये गये आरोपी नेटवर्क से जुड़े प्यादे है, जो बालाघाट में उनके माध्यम से मोबाईल और अन्य इलेक्ट्रानिक्स सामान को फर्जी पते, मोबाईल नंबर से मंगवाकर उन्हें दुकानदारों को बेच रहे थे। बालाघाट में विगत दो वर्ष से यह कारोबार फलफूल रहा था। जिसमें लिप्त आरोपियो के साथ ही मोबाईल और इलेक्ट्रानिक्स सामानों का विक्रय कर दुकानदार मलाई खा रहे थे।

विभिन्न मोबाईल दुकान से पुलिस ने बरामद किये गये MOBILE और LED TV

बालाघाट में सायबर फ्राड के इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद सायबर फ्राड से मंगवाये गये मोबाईल और एलईडीटीव्ही को पुलिस ने बरामद किया है। जिसमें बालाघाट के पांच मोबाईल दुकानदार क्रमशः अरिहंत मोबाईल शॉप से 41, रेणुका मोबाईल शॉप से 5, ओम मोबाईल शॉप से 15, पंकज मोबाईल शॉप से 10, नेहा मोबाईल शॉप से 10 मोबाईल और किरनापुर के पराग मोबाईल शॉप से 4 मोबाईल जब्त किये गये है।

इसके अलावा पड़ोसी जिले सिवनी नवल मोबाईल शॉप से 8 मोबाईल एवं 9 एलईडी टीव्ही, मोहित मोबाईल शॉप से 9 मोबाईल, महाराष्ट्र के गोंदिया के पंकज मोबाईल से 3, जबलपुर के अंकित मोबाईल शॉप से 20 मोबाईल पुलिस ने बरामद किये है। हालांकि ऐसी आशंका जाहिर की जा रही है कि यह वर्तमान में मिले वह मोबाईल है, जिसे विक्रेता, विक्रय नहीं कर सके। जबकि मोबाईल और इलेक्ट्रानिक्स सामग्री के विक्रेता काफी समय से इस नेटवर्क से जुड़े जिले के पकड़ाये गये युवाओं से काफी समय से मोबाईल खरीदकर न केवल कर की चोरी कर रहे है बल्कि फ्राड भी कर रहे थे। जिनको लेकर पुलिस का कहना है कि आगामी जांच में इनके खिलाफ भी आरोप में सहयोगियों के तौर पर कार्यवाही की जायेगी।

इनकी रही भूमिका

इस पूरे मामले में कोतवाली पुलिस ने धारा 419,420,467,468 भादंवि एवं 66 बी, 66 डी आईटी एक्ट का मामला कायम कर विवेचना में लिया है। जिसमंे प्रारंभिक विवेचना के दौरान सायबर फ्राड के इस मामले में बालाघाट के दो आरोपियों से सहित झारखंड और आंध्रप्रदेश के 6 आरोपियों को स्टेट पुलिस की मदद से गिरफ्तार करने में पुलिस महानिदेशक, उप पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी बैहर के मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षकके नेतृत्व में गठित की गई 7 टीमों में शामिल थाना प्रभारी एम.आर. रोमड़े, के.एल. वरकड़े, दीपक चौहान, विकास यादव, अवनीश पांडे, धीरेन्द्र मिश्रा, अमित भावसार, पंकज तिवारी, नरेश रावत, राजकुमार खटिक, एएसआई भीमराव मेश्राम, रामकिशोर राहंगडाले, सकरूसिंह धुर्वे, प्रधान आरक्षक राजीव जावक, आर. शैलेष गौतम, दारासिंह बघेल, गजेन्द्र माटे, राम रावेट, प्रभात बघेल एवं कोतवाली स्टॉफ व सायबर स्टॉफ की सराहनीय भूमिका रही ।


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